सरकार की समर्पण नीति का लाभ उठायें : अमोल
आत्मसमर्पण करते हैं तो उनके पुनर्वास की होगी व्यवस्था सामुदायिक पुलिसिंग कर लोगों में लायी गयी जागरूकता लोहरदगा : डीआइजी अमोल वेनुकांत होमकर ने बताया कि लोहरदगा, गुमला, खूंटी तथा सिमडेगा जिला क्षेत्र में पीएलएफआइ उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. लगातार अभियान के कारण उग्रवादियों का लेवी प्रभावित हुआ है. पुलिस […]
आत्मसमर्पण करते हैं तो उनके पुनर्वास की होगी व्यवस्था
सामुदायिक पुलिसिंग कर लोगों में लायी गयी जागरूकता
लोहरदगा : डीआइजी अमोल वेनुकांत होमकर ने बताया कि लोहरदगा, गुमला, खूंटी तथा सिमडेगा जिला क्षेत्र में पीएलएफआइ उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. लगातार अभियान के कारण उग्रवादियों का लेवी प्रभावित हुआ है. पुलिस उग्रवादियों की संपत्ति भी जब्त कर रही है.
पीएलएफआइ के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इससे उग्रवादियों के पांव उखड़ने लगे हैं. हताशा में पीएलएफआई उग्रवादियों द्वारा कारवाई की जा रही है. पुलिस लड़ाई के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि संगठन का सफाया कर दिया जाएगा. यदि वे आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करते हैं तो उनके पुनर्वास की कार्रवाई की जायेगी. इन जिलो को नक्सलमुक्त करने के लिए पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पुलिस कार्रवाई से नक्सली संगठन में बिखराव आया है. उग्रवादियों के लिए अभी भी वक्त है कि वे सरकार की समर्पण नीति का लाभ उठाये. डीआइजी ने कहा कि लोहरदगा जिला पुलिस कप्तान कार्तिक एस ने जिले के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में बेहतर काम किया है.
सबसे दुर्गम क्षेत्र पेशरार, चैनपुर, बुलबुल, केरार एवं गुमला जिला के बनालात, रेहलदाग के जंगली क्षेत्र कभी भाकपा माओवादियों का गढ़ माना जाता था. इन इलाकों में पिछले डेढ़ वर्षों से पुलिस का छापामारी अभियान चलाया गया है. पेशरार एवं चैनपुर में सुदृढ़ रूप से पुलिस पोस्ट स्थापित किया गया. उस इलाके में सामुदायिक पुलिसिंग कर लोगों को विश्वास में लेकर नक्सलियों के विरुद्ध जागरूक किया गया.
डीआइजी ने कहा कि झारखंड पुलिस के आत्मसमर्पण नीति का सकारात्मक प्रभाव नक्सलियों एवं उनके समर्थकों पर पड़ा है. इसके अलावे पोस्टरवार एवं मानसून पेशरार थीम के माध्यम से भी पेशरार में पर्यटन की विकास की संभावना को भी नक्सल उन्मूलन अभियान से जोड़ा गया.
डीआइजी ने कहा कि इससे पहले भी गुमला जिला में 25 बच्चों को नक्सलियों से बरामद कर झारखंड पुलिस द्वारा पुनर्वास किया गया. उन्होंने कहा कि जो लोग नक्सली हिंसावादी सिद्धांत को छोड़कर मुख्य धारा में आना चाहते हैं उनका स्वागत है. मौके पर एसपी कार्तिक एस ने कहा कि पेशरार इलाके को उग्रवादियों से मुक्त करा लिया गया है. पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है.