जीर्णोद्धार के अभाव में बेकार साबित हो रहा है केश्वर बांध
भंडरा : प्रखंड क्षेत्र के धनामुंजी गांव का केश्वर बांध सूख गया है. इसके आसपास में लगायी गयी खेती पानी के अभाव में बरबाद हो रही है. इस तालाब से लगभग 50 एकड़ भूमि सिंचित होती है. जीर्णोद्धार नहीं होने के कारण बांध बेकार साबित हो रहा है. इस केश्वर बांध का जीर्णोद्धार की मांग […]
भंडरा : प्रखंड क्षेत्र के धनामुंजी गांव का केश्वर बांध सूख गया है. इसके आसपास में लगायी गयी खेती पानी के अभाव में बरबाद हो रही है. इस तालाब से लगभग 50 एकड़ भूमि सिंचित होती है. जीर्णोद्धार नहीं होने के कारण बांध बेकार साबित हो रहा है. इस केश्वर बांध का जीर्णोद्धार की मांग यहां के किसान कई वर्षों से कर रहे हैं, परंतु तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हुआ है.
किसान तालाब के अंदर गड्ढा खोद कर पानी की तलाश कर रहे हैं. गांव के किसान सुशील उरांव, दिलीप उरांव, मंगरा उरांव, बिरशा उरांव, राजू उरांव, सुरेंद्र उरांव, सुकरा उरांव ने बताया कि तालाब का जीर्णोद्धार की मांग प्रत्येक वर्ष गांव की ग्रामसभा के माध्यम से की जाती है.
गांव के वार्षिक कार्ययोजना में इस तलाब का जीर्णोद्धार के लिए लिखाया जाता है परंतु ग्रामीणों के मांग पर कोई भी व्यक्ति ध्यान नहीं देता है. कई अनुपयोगी योजनाओ में लाखों खर्च कर दिया जाता है परंतु उपयोगी योजनाओ में ध्यान नहीं दिया जाता है.
दानियल लकड़ा का कहना है कि तालाब के जीर्णोद्धार की मांग झारखंड के कृषि मंत्री जब धनामुंजी गांव आये थे, तब की थी. उस समय भूमि संरक्षण विभाग द्वारा कृषि मंत्री के सामने तलाब का जीर्णोद्धार करने का आश्वासन दिया था. गांव में आकर तालाब की नापी भी की गयी थी, परंतु विभाग द्वारा आज तक जीर्णोद्धार नहीं किया गया.