संदीप साहू, किस्को. पेशरार प्रखंड क्षेत्र नक्सलियों के गढ़ के रूप में कभी जाना जाता था. जहां अब लोगों तक विकास तेजी से पहुंच रहा है.विभिन्न योजनाएं का लाभ देकर पेशरार के लोगों को अब आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं. बेहतर सड़क,गांव तक बिजली,पानी समेत बुनियादी सुविधाओं का लाभ लोगों को मिलने लगा है.वहीं मनरेगा विभाग से आम बागवानी,मुर्गी सेड,डोभा एवं विभिन्न विभागों के योजना लोगों तक पहुंच रही है. प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा विभाग से लगभग 400 एकड़ में आम बागवानी का लाभ 300 से अधिक लाभुकों को अब तक दी जा चुकी है. मुर्गी पालन के लिए लगभग 40 लाभुकों को सेड दिया गया है.पशुपालन विभाग से लोगों को मुर्गी पालन से जोड़ा जा रहा है. मनरेगा से लगभग 200 से अधिक डोभा निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं.पीएम कुसुम योजना के तहत पंप सेट लोगों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं. पीएम आवास के तहत अब तक 2624 लोगों को आवास का लाभ मिल चुका है. आदिम जनजाति समाज के लोगों को पीएम जनमन योजना के तहत 168 लोगों को आवास का लाभ दिया गया है. वहीं अबुआ आवास 248 बाबा साहब आंबेडकर आवास का लाभ अब तक 110 लोगों को दिया जा चुका है. सरकार के योजनाओं का लाभ लेकर पेशरार प्रखंड क्षेत्र के लोग अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं. गाँव-गाँव में मोबाइल टॉवर के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य प्रखण्ड में तेजी से चल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में एयरटेल व बीएसएनएल द्वारा तेजी से नेटवर्क लगाया जा रहा है. लोहरदगा जिला का पेशरार प्रखंड क्षेत्र जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ गया है. यहां विकास की गंगा बहने लगी है. जिस क्षेत्र में कभी सड़क पर पैदल चलना दूभर था.वाहन में लोहरदगा से पेशरार आने में ग्रामीणों को तीन से चार घंटे का वक्त लग जाया करता था. सड़क नहीं होने की वजह से किसी घटना या दुर्घटना की सूचना जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को समय पर नहीं मिल पाती थी.आज सभी से सहूलियत मिली है. गांव-गांव तक सड़क बनायी जा रही है. लोग आज दूर दराज से पेशरार में जाकर व्यापार कर रहे हैं. पेशरार में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में काफी दूर-दूर से लोग पहुंचते है.
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