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तापमान में गिरावट के साथ बढ़ी ठंड

जिले में लगातार कई दिनों से बह रही हवाओ के बाद आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड में बढ़ोतरी हुई है

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 9:11 PM

सुबह में सड़क पर लोगों का निकलना हुआ मुश्किल फोटो आग तापकर ठंड से बचने के प्रयास में जुटे लोग लोहरदगा. जिले में लगातार कई दिनों से बह रही हवाओ के बाद आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड में बढ़ोतरी हुई है. मौसम सर्द हो गया है और दिनभर ठंड का असर देखा जा रहा है. लोग सुबह शाम घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. सुबह का दिनचर्या भी बदल गया है. लोग अपने जरूरी काम के लिए भी धूप आने के बाद ही अपने घरों से निकल रहे हैं और सूर्यास्त होने के पहले अपने घर लौट के प्रयास में रहते हैं. शाम होते ही कर चौक चौराहों में सन्नाटा पसर जा रहा है. लोग जरूरी काम पड़ने के बाद ही अपने घरों से निकल रहे हैं. ठंड का असर सबसे ज्यादा ग्रामीण एवं गरीब तबके के लोगों को झेलना पड़ता है. वनांचली इलाके के लोगों के पास पर्याप्त ऊनी व गर्म कपड़ों के अभाव के कारण ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस क्षेत्र के लोग आग जलाकर ठंड से बचने का भरसक प्रयास करते हैं. वनांचली इलाके में पहाड़ों के रात में ठंड होने और कनकनी हवाओं के बहने के कारण अत्यधिक ठंड होती है. इस इलाके में नदी नालों के कारण हमेशा नमी बना रहना भी अत्यधिक ठंड का कारण माना जाता है. इस इलाके के लोगों के पास अपने जीविकोपार्जन के लिए मवेशी भी होता है. इस क्षेत्र के लोगों को अपने साथ-साथ मवेशियों को भी बचाने की जिम्मेवारी रहती है. वनांचली इलाके में प्रायः प्रत्येक घरों में बकरी पालन किया जाता है और बकरी ठंड के मौसम में ठंड पड़ते ही बीमार होने लगता है. बीमारी के बाद एक कर एक बकरियां मरने लगती है, जिससे बकरी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. अब तो स्थिति यह है कि बकरी पालन करने वाले किसान जिस घर में रहते हैं, उसी घर में अपने बकरियों को भी रखते हैं. ताकि बकरी मरे नहीं और इन्हें आर्थिक नुकसान उठाना ना पड़े. इधर रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को भी ठंड के कारण खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. छोटा दिन होने के बावजूद सुबह नौ बजे तक शहरी बाजार में पहुंचना और छह तक काम करने के बाद वापस घर लौटना इन्हें काफी परेशानी होती है. अत्यधिक ठंड पड़ने के कारण स्कूली विद्यार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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