लोहरदगा में चल रही शीतलहर, बच्चों और बुजुर्गों को इन रोगों का खतरा मंडराया
घरों में लोग अलाव या इलेक्ट्रिक संसाधनों से ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं. ठंड को देखते हुए प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों ने गरीब तबके के लोगों में गर्म कपड़े भी वितरित किया है.
लोहरदगा : पिछले एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड में वैसे तो हर उम्र के लोगों को दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन बच्चों में हाइपोथर्निया, कोल्ड डायरिया, निमोनिया, सर्दी-जुकाम का खतरा तो बुजुर्गों को ठंड लगने पर हार्टअटैक, ब्रेनहेमरेज और श्वास संबंधी तकलीफें बढ़ गयी हैं. अस्पतालों में मरीज बढ़ने लगे हैं. डॉक्टर भी मानते हैं कि ऐसे समय में बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाना नितांत जरूरी है, हालांकि धूप होने पर लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की. मध्य दिसंबर से ही प्रखंड में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
घरों में लोग अलाव या इलेक्ट्रिक संसाधनों से ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं. ठंड को देखते हुए प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों ने गरीब तबके के लोगों में गर्म कपड़े भी वितरित किया है. ठंड इतनी बढ़ गयी है कि इंसान ही नहीं पशु और परिंदे भी जगह-जगह दुबके रह रहे हैं. हालांकि धूप खिली रहती है लेकिन शीत लहर अधिक होने के कारण लोगों को ठंड में कोई कमी महसूस नहीं हुई. दिन ढलते ही लोग फिर अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने के लिए विवश हो जाते हैं .देर शाम तक सड़कों पर भी सन्नाटा छाने लगा . बाजार चौक चौराहा शाम ढलते ही सन्नाटा हो जा रहा है.
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अलाव की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी
क्षेत्र में लगातार बढ़ रही ठंड के बावजूद प्रशासन द्वारा अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों मे प्रशासन के प्रति नाराजगी व्याप्त है . ग्रामीणों का कहना है कि प्रति वर्ष ठंड में प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था भंडरा थाना मोड़, भौरों मोड़,आकाशी रेलवे स्टेशन,चट्टी चौक मे अलाव की व्यवस्था कर ग्रामीणों को ठंड से राहत देने का काम किया जाता था, पर इतनी ठंड के बावजूद अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है . खास कर सुबह एव रात में आकाशी रेल से सफर करने वाले राहगीर व मजदूरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है . ग्रामीणों ने जल्द अलाव की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की है .