कुडू में चिकित्सकों व कर्मियों के लिए आवंटित सरकारी आवास का हाल बदहाल, एक दिन बारिश होने पर तीन दिन तक छत से टपकता है पानी

कर्मी आपस में चर्चा कर रहे हैं कि बरसात से पूर्व किराये के भवन में चले जायेंगे. बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़ू में कार्यरत प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ सुलामी होरो, डॉ अंजुल आईंद, डॉ मंजु गुप्ता व डॉ मर्सा टोप्नो को रात की ड्यूटी में रहने के दौरान आवास आवंटित किया गया है. इसके अलावा सीएचसी में कार्यरत कर्मियों एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, एंबुलेंस चालक से लेकर चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को आवास आवंटित किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 30, 2021 2:19 PM

कुडू : बरसात का मौसम शुरू होते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़ू में कार्यरत चिकित्सकों व कर्मियों के सिर से पसीना टपकने लगता है. जिला प्रशासन द्वारा आवंटित सरकारी आवास में पानी से बचने के लिए छत पर प्लास्टिक लगाने का काम शुरू हो गया है. चिकित्सक व कर्मी परेशान हैं कि कहीं रात के समय छप्पर न गिर जाये. जर्जर आवास में रहनेवाले चिकित्सकों व कर्मियों में बरसात शुरू होते भय का माहौल उत्पन्न हो गया है.

कर्मी आपस में चर्चा कर रहे हैं कि बरसात से पूर्व किराये के भवन में चले जायेंगे. बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़ू में कार्यरत प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ सुलामी होरो, डॉ अंजुल आईंद, डॉ मंजु गुप्ता व डॉ मर्सा टोप्नो को रात की ड्यूटी में रहने के दौरान आवास आवंटित किया गया है. इसके अलावा सीएचसी में कार्यरत कर्मियों एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, एंबुलेंस चालक से लेकर चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को आवास आवंटित किया गया है.

आजादी के पूर्व ब्रिटिश हुकूमत द्वारा निर्मित सीएचसी कुड़ू में कर्मियों का आवास बनाया गया था. आवास की हालत बद से बदतर हो गयी है. छत से प्लास्टर गिरने से लेकर खिड़की व दरवाजे में बने छज्जे काफी पहले गिर चुके हैं. छत की ढलाई में लगा सरिया नजर आ रहा है. जर्जर भवनों का आलम यह है कि छत से लेकर बरामदा तक और खिड़की, दरवाजे से लेकर बाथरूम तक जर्जर हो चुके हैं.

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