जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बदहाल है. पूरी व्यवस्था प्रभार व जुगाड़ के सहारे चल रही है. जिले में चिकित्सकों के 84 पद स्वीकृत हैं, जिनमें मात्र 47 पदस्थापित हैं. चिकित्सकों के 37 पद खाली पड़े हैं. इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविक स्थिति क्या है. सदर अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है.
डाॅक्टरों के साथ-साथ अन्य कर्मियों की भी कमी है. कोरोना काल में जुगाड़ के सहारे व्यवस्था की गाड़ी चल रही रही है. जिले में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, उपाधीक्षक, मनोचिकित्सक, फॉरेंसिक स्पेशलिस्ट, अस्थि रोग व चर्म रोग, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, एनेसथेटिक के पद खाली हैं. स्त्री रोग विशेषज्ञ के दो पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक पद खाली है. दंत चिकित्सक के दो पद में एक चिकित्सक पदस्थापित हैं.
सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के 44 पद हैं, जिसमें 28 पदस्थापित और 16 खाली हैं. एएनएम के 29 पद स्वीकृत हैं, जिसमें सभी पद खाली है. प्रयोगशाला प्रोवैधिक के 20 पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र छह कार्यरत हैं. फार्मासिस्ट के 12 पद खाली हैं. ए ग्रेड नर्स के 24 पद में मात्र तीन कार्यरत हैं, जबकि 21 पद खाली है. एएमए के 93 पदों में 47 पदस्थापित व 46 पद खाली हैं.
ओटी असिस्टेंट के तीन पद स्वीकृत हैं, जिसमें सभी पद खाली हैं. निगरानी कार्यकर्ता के 27 पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक पदस्थापित व 26 पद खाली है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 16 पदों में 15 पद खाली है, मात्र एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता कार्यरत हैं. बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के आठ पद स्वीकृत हैं, जिसमें सभी खाली है और पुरुष परिवार कार्यकर्ता के 15 पद स्वीकृत हैं, जिसमें पांच पद खाली हैं.