रिम्स ने लौटाया, सदर अस्पताल में भी नहीं मिला वेंटिलेटर और चली गयी लोहरदगा एसएम की जान
परिजनों ने बताया कि संक्रमण की पुष्टि होने के बाद रेल अस्पताल ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए ले जाने को कहा. परिजन गुरुवार शाम उन्हें रिम्स लेकर आये. उस समय वे सभी से अच्छी तरह बातचीत कर रहे थे. रिम्स में उन्हें भर्ती करने से इंकार कर दिया. इस बीच श्री तिर्की ने सांस लेने में परेशानी होने की बात कही. आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत देखते हुए वेंटिलेटर की जरूरत बतायी.
Jharkhand News, Lohardaga News रांची : राज्य की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने गुरुवार देर रात 12:30 कोरोना संक्रमित लोहरदगा स्टेशन मास्टर जेबी तिर्की की जान ले ली. शुक्रवार को ही उनका 39वां जन्मदिन था. परिजन उनका जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहे थे. इस उम्मीद में कि उनकी तबीयत जल्द सुधर जायेगी. लेकिन अफसोस उन्हें न तो रिम्स में बेड मिला और न ही सदर अस्पताल में वेंटिलेटर. अंतत: शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से उनकी मौत हो गयी.
परिजनों ने बताया कि संक्रमण की पुष्टि होने के बाद रेल अस्पताल ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए ले जाने को कहा. परिजन गुरुवार शाम उन्हें रिम्स लेकर आये. उस समय वे सभी से अच्छी तरह बातचीत कर रहे थे. रिम्स में उन्हें भर्ती करने से इंकार कर दिया. इस बीच श्री तिर्की ने सांस लेने में परेशानी होने की बात कही. आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत देखते हुए वेंटिलेटर की जरूरत बतायी.
कहा कि ऑक्सीजन लेवल 40 से भी नीचे आ गया था. परिजन अस्पताल प्रबंधन से वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन का रवैया अमानवीय था. अस्पताल की ओर से कहा गया कि वेंटिलेटर खाली नहीं. हम इलाज नहीं कर सकते, आप इन्हें कहीं और ले जायें. परिजन रात भर गिड़गिड़ाते रहें, लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आया और इलाज के अभाव में देर रात उनकी मौत हो गयी. जेबी तिर्की दो वर्ष से लोहरदगा में बतौर स्टेशन मास्टर कार्यरत थे. वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी व दो बेटी को छोड़ गये है. उनकी पत्नी शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं.
Posted By : Sameer Oraon