लोहरदगा में सैकड़ों एकड़ पर लहलहा रही है फसल, धान की फसल छोड़ किसानों ने गन्ने की खेती पर आजमायी किस्मत

किसान इस वर्ष लाल गन्ने के अलावा सफेद गन्ना की भी काफी मात्रा में खेती किए हैं. किसानों का मानना है कि सफेद गाने की मांग बाजार में अधिक है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2023 12:58 PM

प्रतिनिधि, किस्को :

किस्को प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश किसानों ने इस वर्ष धान की फसल छोड़ गन्ने की फसल में किस्मत आजमायी, जो कारगर साबित हुई. जहां बारिश नहीं होने के कारण किसान धान की खेती नही कर पाये और खेत बगैर फसल के ही पड़े हुए हैं. दूसरी ओर किसानों ने धान की फसल छोड़ गन्ने की फसल लगायी, जो पूरी तरह लगभग तैयार है व लहलहा रही है.अब सिर्फ बाजार की व्यवस्था हो जाये, तो किसान बेहतर आमदनी कम पायेंगे. बेठहठ परहेपाठ, हेसापीढ़ी, किस्को, आरेया, हुआहार एवं कई गांव के किसान गन्ने की खेती में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पिछली वर्ष गन्ने की खेती से हुए बेहतर आमदनी को देखते हुए इस वर्ष काफी मात्रा में किसान गन्ने की फसल लगायी गयी है.

वहीं किसान इस वर्ष लाल गन्ने के अलावा सफेद गन्ना की भी काफी मात्रा में खेती किए हैं. किसानों का मानना है कि सफेद गाने की मांग बाजार में अधिक है. किसानों को गन्ने की फसल को बेचने में कोई परेशानी नहीं होती, जबकी फसल की खराब होने की शिकायत नही होती, व्यापारी घर आकर गन्ने की खरीदारी कर उचित मूल्य पर ले जाते हैं. बचे खुचे गन्ना स्थानीय बाजारो में बिक जाते हैं. गन्ने की बिक्री के लिए ज्यादा भागदौड़ करना नही पड़ता. जबकी दूसरे फसलों का सही बाजार नही मिलती,एवं उचित मूल्य भी नही मिलती. जबकी एक गन्ना 10 से 12 रुपए की दर से व्यापारियों द्वारा खरीद कर ली जाती है.

वहीं गन्ने का बाजार मूल्य 15 से 20 रुपया प्रति गन्ना होती है. बेठहठ एवं परहेपाठ पंचायत के दर्जनों किसान धान और गेहूं के अलावे अब गन्ने की खेती कर किस्मत आजमा रहे हैं. बेठहठ पंचायत के किसान सज्जाद अंसारी, बंसी उरांव, इरशाद अंसारी, बबलू अंसारी, एवं अन्य किसानों द्वारा बेठहठ पंचायत के 15 एकड़ से अधिक खेतो पर गन्ने की खेती की गई हैं. वही परहेपाठ आरेया के दर्जनों किसानों द्वारा गन्ने की फसल लगाई गई है. किसानों का कहना है, की गन्ने की फसल में बेहतर आमदनी के साथ साथ बाजार की समस्या नही होती, गोरखपुर, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं दूसरे राज्यों के व्यापारी घर आकर फसल की खरीदारी का ले जाते हैं जिस कारण गन्ने की खेती की ओर किसानों का झुकाव दिन प्रतिदिन बढ़ रही है.

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