किस्को. पेशरार प्रखंड क्षेत्र के जलप्रपात के बीच सड़क समस्या का समाधान नहीं होने से लोगों का झुकाव कम हो रहा है. पर्यटन स्थल पर जाने वाले लोग सड़क समस्या के कारण यहां आने से अब कतराने लगे हैं. सड़क पर बड़े -बड़े पत्थर के कारण लोगों को पैदल आवागमन में परेशानी हो रही है. दोपहिया व चार पहिया वाहनों पर चलने वाले लोग भी जान जोखिम में डाल कर आवागमन को विवश हैं. लावापानी जलप्रपात जाने वाले पर्यटकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी सड़क से परेशानी हो रही है. लोगों का कहना है कि लावापानी जलप्रपात में पर्यटकों का उत्साह अब धीरे -धीरे कम हो रहा है. इसका मुख्य कारण सड़क समस्या व सुरक्षा व्यवस्था है. अगर सरकार सड़क व्यवस्था को दुरुस्त कर दे, तो पर्यटकों के आगमन के साथ ही क्षेत्रीय लोगो को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. बोंडोबार से लावापानी होते हुए दुग्गू तक सड़क निर्माण कार्य वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शुरू किया गया था. इसे 18 महीने में पूरा करना था. सड़क निर्माण कार्य संवेदक राजेंद्र गुप्ता से कराना है. लगभग सात किलोमीटर की सड़क तीन करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से बन रही है. कुछ दूर तक कालीकरण व पीसीसी सड़क निर्माण कार्य हुआ, वह भी उबड़ -खाबड़ हो चुकी है. सड़क पर पत्थर बिछाये गये हैं. इससे हर समय दुर्घटना होते रहती है. सड़क निर्माण के दौरान उग्रवादी गतिविधि भी सड़क निर्माण में बाधक है. क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बन जाने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी. उक्त सड़क पेशरार प्रखंड के दर्जनों गांवों को जोड़ती है.
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