नदी-तालाब सूखने से गहराया पेयजल संकट

किस्को प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्र में जहां सालो भर पानी रहता था. वैसे नदी व तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 15, 2024 8:16 PM

2018 से अब तक लगभग 200 डोभा बनाये गये हैं. सभी डोभा सूख चुके हैं. जबकि अमृत सरोवर भी पूरी तरह सूख चुके हैं. फोटो सूखा नदी,तलाब फोटो खेत में लगा फसल किस्को. किस्को प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्र में जहां सालो भर पानी रहता था. वैसे नदी व तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं.पानी को लेकर लोग परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों के समक्ष खेती बचाना चुनौती बनी हुई है. नदी तालाब के अलाआ कुआं व घरों के बोरिंग भी सूख चुके हैं.अधिकांश बोरिंग से कीचड़ पानी निकल रहा है. पेयजल संकट से इस बार लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नदी, तालाब, सब सूख चुके हैं. जिसके चलते लोगों के साथ पशु पक्षी भी बेहाल दिखाई दे रहे हैं. किस्को प्रखंड क्षेत्र में पानी संकट को लेकर मई के शुरुआती सप्ताह में यह हाल है, तो अभी दो माह कैसे बीतेंगे, यह लोगों को समझ नहीं आ रहा है. जिस नदी में पूरा गरमी पानी बहता रहता था, वह पानी के अभाव में सूखा पड़ा है. किस्को,जनवल समेत कई नदी पूरी तरह सूख चुकी हैं. सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में जलस्तर बढ़ाने के उद्देश्य से 9 अमृत सरोवर तथा तालाब का निर्माण किया गया है. 2018 से अब तक लगभग 200 डोभा बनाये गये हैं. सभी डोभा सूख चुके हैं. जबकि अमृत सरोवर भी पूरी तरह सूख चुके हैं. प्रखंड क्षेत्र में अमृत सरोवर व डोभा मनरेगा से बने हुए हैं. ग्रामीण मनान अंसारी, सज्जाद अंसारी, रामवृक्ष उरांव, बंसी उरांव, सुनील साहू आदि किसानों ने बताया कि इस बार कुछ ज्यादा ही जलसंकट उत्पन्न हो गया है. जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.पिछले वर्ष अच्छी बरसात नहीं होने के कारण और नदियों में काफी मात्रा में बालू निकलने से इस तरह की नौबत आ गयी है. वही नदियों में लोग पानी की कमी के कारण फसल बचाने को लेकर जेसीबी मशीन के माध्यम से बड़े बड़े गड्ढे कर रहे हैं. लेकिन उसमें भी पानी नहीं जमा हो पा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version