हेडिंग..शॉक डेंगू रूप सबसे खतरनाक होता है फोटो जानकारी देती डॉक्टर आईलीन लोहरदगा . विश्व डेंगू दिवस पर सदर प्रखंड के द्वारा विभिन्न विद्यालयों में डेंगू दिवस का कार्यक्रम मनाया गया. सर्वप्रथम उर्सुलाइन शिक्षिका प्रशिक्षण महाविद्यालय लोहरदगा एवम उर्सुलाइन नर्सिंग विद्यालय के सभा कक्ष में विश्व डेंगू दिवस पर परिचर्चा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में एमपीडब्ल्यू सह एमटीएस इंचार्ज मनीष कुमार ने छात्र एवं छात्राओं को डेंगू कैसे होता है विषय पर विस्तृत रूप से जानकारी दी.उन्होंने कहा कि ये बीमारी शहरी क्षेत्र या अर्द्ध शहरी क्षेत्र में विशेषकर होते हैं, मॉनसून शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता है. एडीस मच्छर के काटने से डेंगू होता है.चार तरह की डेंगू प्रकार में सबसे आक्रांत शॉक डेंगू रूप सबसे खतरनाक होती है. हम सभी आज के दिन संकल्प लेंगे कि इस बीमारी से बचने के जो भी उपाय करने पड़े उपाय कर ,लोगों को जागरूक कर इससे छुटकारा पाने की कोशिश करेंगे.साथ ही साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अपनी सहभागिता भी देंगे क्योंकि यह बीमारी पानी के जमाव के कारण होता है. पानी के जमाव को खत्म करेंगे .इसके लिए केरोसिन तेल अथवा जले हुए मोबाइल का प्रयोग करेंगे. ग्रीष्म ऋतु शुरू होते ही मच्छर अपने संचरण काल में चले जाते हैं और जमे हुए पानी में अंडे देते हैं .अंडों को समाप्त करना है तो जमे हुए पानी को खत्म करना होगा. मच्छरों का संक्रमण रोकने के लिए मौसमी कीटनाशक छिड़काव भी होते हैं. मच्छरों से निजात पाने के लिए घरों में कीटनाशी युक्त मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी गयी.एमपीडब्ल्यू आलोक कुमार ने बतलाया कि 16 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व डेंगू दिवस मनाने का संकल्प किया तब से प्रत्येक वर्ष आज के दिन पूरे विश्व के कस्बो एवं अनेक विद्यालयों में गोष्ठी कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है .सीएचओ पूनम किस्पोटा ने सभी ग्रामीणों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की सलाह दी. एमपीडब्लू तनवीर ने वेक्टर जनित रोग डेंगू से बचाव का मुख्य उपाय बताया. इस कार्यक्रम को उर्सुलाइन नर्सिंग विद्यालय की डॉ आईलीन, डॉ पुष्पा, उर्सुलाइन शिक्षिका प्रशिक्षण महाविद्यालय की सिस्टर शीला,सिस्टर जसिंता, डा प्रभा विज्ञान शिक्षक राहुल कुमार ने भी संबोधित किया.
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