फोटो सामूहिक रूप से बोरा बांध बनाते किसान लोहरदगा. लोहरदगा जिला कृषि बहुल इलाका है. लेकिन यहां सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सिर्फ खरीफ फसल के भरोसे रह जाते हैं. खेतों का उपयोग 12 महीने में सिर्फ 3 महीने ही कर पाते हैं. जबकि सिंचाई की सुविधा हो तो यहां के किसान सालों भर अपने खेतों को हरे-भरे रख सकते हैं. लेकिन सुविधा के अभाव में किसान मायूस हो जाते हैं. इधर कोरोना काल के बाद जिले के विभिन्न गांव से सैकड़ों की संख्या में युवा बाहर रोजी रोजगार के लिए जाते हैं. बाहर जाकर यहां के युवा अन्य प्रदेशों की तकनीक एवं कृषि यंत्रों का उपयोग देखकर लौटते हैं तो उन्हें यहां भी कुछ करने का जज्बा रहता है. लेकिन सुविधा के अभाव में वे भी मायूस हो जाते हैं. अब रोजी रोजगार के लिए बाहर प्रदेशों में से लौटकर युवा अपने खेतों का उपयोग सालों भर करने की सोच के साथ सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने लगे हैं .गांव के लोगों के सहयोग से बोरा बांध बनाकर बहते पानी को रोक कर कृषि कार्य में उपयोग करने के लिए सक्रिय देखे जा रहे हैं. इसमें कई एनजीओ के साथ साथ कई संस्थाओं का भी इन युवाओं को सहयोग मिल रहा है. बोरा बांध बनाकर नदी, नालों के पानी को रोका जा रहा है और इसके अगल-बगल के खेतों में सब्जी की खेती की जा रही है. इससे क्षेत्र में खुशहाली तो आ ही रही है. लोगों को सालों भर रोजगार मिल रहा है और खेत लहलहाते नजर आ रहे हैं.
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