नहीं बना कोल्ड स्टोरेज, कम दाम पर आलू बेच रहे किसान
कुड़ू में कोल्ड स्टोरेज नहीं बनने से पिछले 15 दिन से रोजाना तीन टन आलू कुड़ू से बाहर बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश जा रहा है. किसान औने-पौने दामों पर आलू बेचने को विवश हैं.
कुड़ू.
कुड़ू में कोल्ड स्टोरेज नहीं बनने से पिछले 15 दिन से रोजाना तीन टन आलू कुड़ू से बाहर बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश जा रहा है. किसान औने-पौने दामों पर आलू बेचने को विवश हैं. प्रखंड की आधा दर्जन पंचायत में लगभग एक हजार टन आलू का उत्पादन होता है, लेकिन एक माह के भीतर ही किसान कोल्ड स्टोरेज नहीं रहने के कारण आलू को जैसे – तैसे बेच कर खेतों में दूसरी फसल लगाने में लग जाते हैं. कुड़ू में कोल्ड स्टोरेज रहने पर कुड़ू के लोगों को बाहर से आलू मंगाने की जरूरत नहीं पड़ती. साल भर कुड़ू के किसानों का आलू बाजार में उचित मूल्य पर उपलब्ध रहता. चंदलासो पंचायत के कोकर, चंदलासो, हेंजला, कौवाखाप, चिताकोनी, पुरनाडीह ककरगढ़ पंचायत के फुलसुरी, महुगांव, ककरगढ़, रानीटोंगरी उडुमुड़ू पंचायत के हुरहद, मकांदू, बड़मारा, इटरा, चडरा, जिंगी पंचायत के तान, राहे, मकरा, जोंजरो, पंडरा पंचायत के माराडीह, जिलिंग, पंडरा टाटी पंचायत के जिदो, टाकू, बड़कीचांपी पंचायत के छोटकी चांपी, जरियो, कमले, सुकुमार चीरी पंचायत के चीरी तथा कड़ाक में आलू का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. वर्तमान में पंडरा, ककरगढ़, जिंगी,बड़की चांपी, चंदलासो तथा चीरी पंचायत से प्रतिदिन दस पिकअप वाहन आलू बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ व ओड़िसा भेजा जा रहा है. किसान प्रमोद कुमार, अवधेश प्रजापति, मुकेश कुमार, मन किशोर राम, अखिलेश कुमार सिंह, छोटू उरांव, जावेद अंसारी, लव साहू, जुगल महतो, बिनोद उरांव, अजय लोहरा, मुकुंद साहू, कपिंद्र महतो ने बताया कि पिछले दस साल से कुड़ू प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग की जा रही है. पूर्व सांसद सुदर्शन भगत जब केंद्र सरकार में कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री थे, तब किसानों ने मांग पत्र सौंपा था, लेकिन कोई विशेष पहल नहीं हुई. वर्तमान में बाजार में खुली दर पर चालीस से पचास रुपये प्रति किलोग्राम आलू बिक रहा है. बंगाल से आने वाला आलू चालीस रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. दूसरी तरफ बिहार व अन्य राज्यों के व्यापारी कुड़ू के किसानों से थोक में 1800 से लेकर 1900 रुपये प्रति क्विंटल आलू खरीद रहे हैं. इससे किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 1600 रुपये का नुकसान हो रहा है. कुड़ू में कोल्ड स्टोरेज रहता, तो आलू को स्टोरेज में जमा कर देते. आलू का दाम बढ़ने पर उसे निकाल कर बाजार में बेचा जाता. इससे कुड़ू के लोगों को बाहर से आलू मंगाने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे किसानों व आम लोगों को फायदा होता. जिला प्रशासन को कराया जायेगा अवगत : बीडीओ : बीडीओ प्रवेश कुमार साव ने बताया कि कुड़ू प्रखंड में एक कोल्ड स्टोरेज जरूरी है. जिला प्रशासन को अवगत कराया जायेगा और कुड़ू प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा. राज्य सरकार ने हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए घोषणा की है. आदेश मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है