गुमनामी में जीने को विवश हैं गांधीवादी टाना भगत
महात्मा गांधी के अनुयायी कहे जाने वाले एवं जतरा टाना भगत के सिद्धांत पर चलने वाले गांधीवादी टाना भगत आज भी गुमनामी व तंगहाली के जीवन जीने को मजबूर हैं.
फोटो. टाना भगत परिवार संदीप साहु किस्को. महात्मा गांधी के अनुयायी कहे जाने वाले एवं जतरा टाना भगत के सिद्धांत पर चलने वाले गांधीवादी टाना भगत आज भी गुमनामी व तंगहाली के जीवन जीने को मजबूर हैं. सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले लोग आज खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.आत्मस्वभिमान के धनी टाना भगत अभी भी डीसी व अंचल ऑफिस में आवेदन लेकर दिखाई देते हैं.उनके मूल समस्या जमीन विवाद है.उनकी जमीन को लोगों ने अवैध तरीके से हथिया लिए हैं, लेकिन कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं. सरकारी कार्यालयों में दलाली के आगे वह टिक नहीं पाते हैं.यही कारण है कि अधिकांश लोग इधर उधर चक्कर लगाते देखे जाते हैं. वहीं इन लोगों के जमीनों पर आज भी लोग अवैध कब्जा करने में लगे हुए हैं.जगह जगह पर जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से आवास निर्माण किये जा रहे हैं. सरकार ने टाना भगत प्राधिकार का गठन किया है.लेकिन अभी तक जिले में टाना भगतों को कोई लाभ नहीं मिला है.लाभ मिला भी है तो गिने चुने लोगों को. किस्को प्रखंड में टाना भगतो की संख्या 368 है.जो कि 44 परिवार के सदस्य हैं.जिनके पास अभी रहने के लिए पक्का मकान नहीं है. सरकार द्वारा टाना भगत समुदाय के लोगो को समय समय पर लाभ दिया भी जाता है.लेकिन गिने चुने लोगो को ही लाभ मिल पाता है.किस्को प्रखंड में सबसे अधिक टाना भगत की संख्या खरकी पंचायत से सेमरडीह गांव है.यहां पर टाना भगत के 28 परिवार रहते हैं.वहीं कोचा में 5 परिवार, बंजारी में दो परिवार और खरकी में दो परिवार रहते हैं. इसके अलावा आरेया पंचायत के निरहू व अन्य जगह पर भी टाना भगत रहते हैं. निरहू निवासी शिव शंकर टाना भगत मुन्ना टाना भगत धर्म सहाय,आनंद,बुद्धेश्वर ,आजाद रोशन,मंगल,सुरेश,पही,गोवर्धन देवकी ,बिरसा, महावीर, दुर्गा, कर्मवीर ,सुखराम, विनोद ,लक्ष्मण,बुध देव सीताराम टाना भगत व पंचायत के अन्य गांवों को मिलाकर प्रखण्ड में लगभग 44 परिवार का टाना भगत रहते हैं इसमें से अभी तक मात्र गिने-चुने व्यक्ति को ही आवास योजना का लाभ मिला है.वहीं कई लोग जर्जर आवास में निवास करने को मजबूर हैं.किसी तरह घर परिवार का भरण पोषण चल रहे है.जर्जर आवास में रहने में काफी परेशानी हो रही है.बारिश में घर में रहने में काफी परेशानी होती है.कोई भी सरकारी योजनाओं का लाभ सही प्रकार से इन लोगों को नही मिल पाता है.टाना भगत आज भी राष्ट्रीय ध्वज की पूजा करते हैं.और गांधी को अपना आदर्श मानते हैं.लेकिन गरीबी तंगहाली और सरकारी उपेक्षा ने उन्हें निराश किया है. मामले पर अंचल अधिकारी अजय कुमार का कहना है कि टाना भगत को अब तक एक रुपये का लगान नहीं देना है.पहले एक रुपए राशि देनी पड़ती थी.वहीं भूमि विवाद का भी निपटारा किया जा रहा है.
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