ध्वनि प्रदूषण मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं
लोहरदगा शहर में ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान हैं.
गोपी कुंवर, लोहरदगा
लोहरदगा शहर में ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान हैं. शादी विवाह का समय है और ऐसे में विभिन्न मैरिज हॉल एवं विवाह स्थलों में रात भर डीजे की तेज आवाज से लोग परेशान हैं. जबकि झारखंड हाई कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि रात 10:00 बजे के बाद किसी भी स्थिति में लाउडस्पीकर नहीं बजाया जायेंगे. लेकिन लोहरदगा में हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ायी जा रही है. इसे देखने वाला लोहरदगा में कोई भी नहीं है. सबसे ज्यादा परेशानी है बीमार,वृद्ध व बच्चों को हो रही है . मैरिज हॉल के आसपास के लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति पहले नहीं थी. पहले रात 10:00 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर पुलिस प्रशासन कार्रवाई करती थी. लेकिन अब सूचना देने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है. लोगों ने कई बार जिला प्रशासन को भी इसकी लिखित सूचना दी, लेकिन प्रशासन की ओर से भी अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान हैं. रात रात भर डीजे की तेज आवाज से पूरा इलाका दहल जाता है. एक तो लोहरदगा शहर में ऐसे ऐसे स्थानों पर मैरिज हॉल और विवाह भवन बना दिये गये हैं, जहां पार्किंग की किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है. बुकिंग में अनाप शनाप पैसे लिए जाते हैं, लेकिन सुविधा उपलब्ध नहीं है. सड़क के किनारे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है .आसपास के लोगों के घरों के सामने वाहन खड़े कर दिये जाते हैं, जो लोगों के लिए अलग ही परेशानी का कारण बनती है. कई मैरिज हाल का तो नगर परिषद में निबंधन भी नहीं है.
आइएमए जिलाध्यक्ष डॉ. गणेश प्रसाद ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण का सबसे बुरा प्रभाव बच्चों एवं वृद्धों पर पड़ रहा है. वायु तथा ध्वनि प्रदूषण से आमलोगों में चिड़चिड़ापन, बहरापन, ब्लड़ पेरशर, तनाव, अनिद्रा जैसी बीमारी को जन्म देता है. अत्यधिक प्रदूषण हृदयघात का कारण बन सकता है.
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