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किसानों को खेती करना हुआ आसान

धान की कटाई व मिसाई करने में अब मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ रही है.

फोटो.धान मिसाई करती मशीन. संदीप साहु किस्को. छठ महापर्व संपन्न होने के साथ ही प्रखंड क्षेत्र में धान काटने का कार्य जोरों पर है. धान की कटाई व मिसाई करने में अब मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ रही है. किस्को प्रखण्ड क्षेत्र के किसान अब मशीनों से धान कटाई कर रहे हैं. किसानों के धान पूरी तरह पक कर तैयार है. जिसकी तेजी से कटाई की जा रही है. कई स्थान पर मजदूरों से व मशीनो से भी धान कटाई की जा रही है. वहीं धान कटाई के साथ साथ किसान गेंहू लगाने में भी जुट चुके हैं. किस्को व हेसपीढ़ी लैम्प्स में किसानों के बीच गेहूं का बीज का वितरण भी हो चुका है. गांव घरों में किसान आधुनिक उपकरणों से धान की मिसाई कर रहे हैं. धान कटाई के बाद अधिकांश किसान खेतो में ही थ्रेसर मसीन के माध्यम से धान की मिसाई कर खेतों से ही धान की बिक्री कर रहे हैं. जिससे खलिहानों की रौनक गायब हो चुकी है. बीते कुछ वर्षों में किसानों को धान की खेती में काफी सहूलियत हो रही है.किसान एक माह से अधिक समय तक धान की कटाई मिसाई करते थे.वही खलिहानों में धान की बड़े बड़े गांज देखने को मिलते थे. परंतु अब खेतों में ही मिसाई कर धान की बिक्री कर दी जाती है. जिससे लोगो को मजदूर की भी आवश्यकता नही होती, एवं समय की भी बचत होती है.इस वर्ष धान कटाई 800 रुपए प्रति घंटा व मिसाई 1200 रुपये प्रति घंटा ली जा रही.एक घंटा में मशीन से एक एकड़ धान की कटाई होती है.वही मिसाई एक घंटा में 60 से 70 बोरा धान की कर ली जाती है. किसानों का मानना है कि आधुनिकता से किसानों को सुविधा तो हुई है.वही बढ़ती मजदूरी एवं सही समय में मजदूर नहीं मिलने के कारण उपकरण लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है.

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