जयपाल सिंह मुंडा जयंती मनायी गयी
झारखंड आंदोलनकारी महासभा लोहरदगा जिला समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को समाहरणालय के सामने मैदान में जिलाध्यक्ष अश्विनी कुजूर की अध्यक्षता में जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को आंदोलनकारी दिवस के रूप में मनाया गया
अमर पुरोधा जयपाल सिंह मुंडा एवं क्रांति ज्योति सावित्री बाई ज्योतिबा फुले को माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया नमन सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखनेवाले व्यक्तित्व का नाम है जयपाल फोटो मंचाशीन आंदोलनकारी फोटो कार्यक्रम में शामिल आंदोलनकारी लोहरदगा. झारखंड आंदोलनकारी महासभा लोहरदगा जिला समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को समाहरणालय के सामने मैदान में जिलाध्यक्ष अश्विनी कुजूर की अध्यक्षता में जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को आंदोलनकारी दिवस के रूप में मनाया गया. मौके पर अमर पुरोधा जयपाल सिंह मुंडा एवं क्रांति ज्योति सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया. मुख्य अतिथि केन्द्रीय अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले एवं मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले व्यक्तित्व का नाम है. कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्ष और कुर्बानियों से बना है. लेकिन आज आंदोलनकारियों को अपनी पहचान और हक की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गर्व से कहते हैं कि मैं झारखंड आंदोलनकारी दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पुत्र हूं. उन्हें आंदोलनकारियों के दर्द को समझते हुए आंदोलनकारियों के हित में कम से कम गुरुजी शिबू सोरेन मॉडल को अविलंब लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरुजी की मांग के मुताबिक प्रत्येक आंदोलनकारी को 8000 रुपया पेंशन, एक-एक पक्का मकान, चिकित्सा, नियोजन सहित सभी सुविधाएं लागू करेंगे. प्रधान महासचिव कयूम खान ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बने 24 वर्ष बीत गये, लेकिन झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याएं और मांगें जस के तस बनी हुई है. कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि आंदोलनकारियों के हित में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान में गंभीरता दिखलायी जाये. वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी की स्थिति आज हाशिए पर हैं. लगातार अपने मान-सम्मान की लड़ाई के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड आंदोलनकारियों के प्रति संवेदनशील बनें और जल्द से जल्द आंदोलनकारियों की मांग जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को मान-सम्मान, पहचान, नियोजन पेंशन सहित लंबित 11 सूत्री मांगों का समाधान करें. पलामू प्रमंडल के डीएन राम ने कहा कि आंदोलनकारियों के कारण ही राज्य में हमारी पहचान है. इस पहचान को संघर्ष के बल पर सुनिश्चित करनी होगी. प्रत्येक आंदोलनकारी अपनी पहचान के लिए अपनों से ही लड़ाई लड़ रहे हैं, जो दुर्भाग्य की बात है. महिला संयोजिका विनिता खलखो ने कहा कि 24 वर्षों के पश्चात भी झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. आज बार-बार अपने मान-सम्मान पहचान के लिए झारखंड आंदोलनकारियों को संघर्ष करना पड़ रहा है. संबोधित करनेवालों में जिला संयोजक प्रो.विनोद भगत, कार्यकारी अध्यक्ष अमर किन्डो जिला सचिव विशेषण भगत, चैतू मुंडा, रूस्तम खान, इसरार अहमद, दिनेश साहू, पलामू के डीएन राम, सुरेंद्र प्रसाद, विजय प्रसाद, सुखदेव उरांव, दशरथ उरांव, मनोज उरांव, बलोमनी बाखला, सीता उरांव, कृष्णा कुमार ठाकुर, बिहारी भगत आदि शामिल थे. इस अवसर पर सूरज मोहन लकड़ा, जगदीश उरांव, सोमनाथ भगत, सुखदेव उरांव, जिला कोषाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर, गंगा उरांव, ललिता भगत, आनंद कुमार, लक्ष्मी भगत, उषा रानी लकड़ा, संगीता वर्मा, अजीत खाखा, सुखराम भगत, महबूब अंसारी, सुशीला लकड़ा, असगर खान, सबिता लकड़ा, आरीफ खान, अफरोज शाह, शनि भगत, शंकर उरांव आदि समेत बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शामिल थे.
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