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बारिश थमने के बाद कृषि कार्य में तेजी, कृषि पदाधिकारी भी किसानों को दे रहे हैं दिशा निर्देश

वहीं किसानों द्वारा पानी वाले खेतों में पानी सूखने का इंतजार किया जा रहा है. किसानों द्वारा मौसम को देखते हुए खेतों को तैयार करने को लेकर पहले से ही प्रयास शुरू कर दिया गया था. बेहतर बारिश के साथ किसान अब खेतों में बीज डाल कर धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए पूरी तरह से तैयारी में जुट गये हैं. किसानों को इस बार धान की बेहतर पैदावार की उम्मीद नजर आ रही है. हालांकि कई क्षेत्रों में जरूरत से अधिक बारिश होने की वजह से किसानों को चिंता भी सता रही है. यदि मौसम साफ नहीं होता है,

बेहतर माॅनसून के साथ किसान खेती कार्य में जुट गये हैं. लगातार हो रही बारिश थमने के बाद किसान कृषि कार्य में जुट गये हैं. अधिकांश किसान खेतों में दिखाई दे रहे हैं. किसानों द्वारा धान, मक्का, अरहर, उड़द आदि फसलों को लगाने का काम बेहद तेजी के साथ चल रहा है. ज्ञात हो कि पिछले कई दिनों तक लगातार बारिश होने से खेतों में पूरी तरह पानी भर चुके थे. लगातार बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी की वजह से किसानों द्वारा टांड़ खेत में मक्का, उरद, बादाम व अरहर की खेती की जा रही है, जबकि पानी वाले खेतों में धान की खेती को लेकर बिचड़ा तैयार करने का काम सूखे खेतों में चल रहा है.

वहीं किसानों द्वारा पानी वाले खेतों में पानी सूखने का इंतजार किया जा रहा है. किसानों द्वारा मौसम को देखते हुए खेतों को तैयार करने को लेकर पहले से ही प्रयास शुरू कर दिया गया था. बेहतर बारिश के साथ किसान अब खेतों में बीज डाल कर धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए पूरी तरह से तैयारी में जुट गये हैं. किसानों को इस बार धान की बेहतर पैदावार की उम्मीद नजर आ रही है. हालांकि कई क्षेत्रों में जरूरत से अधिक बारिश होने की वजह से किसानों को चिंता भी सता रही है. यदि मौसम साफ नहीं होता है,

तो खेतों में बिचड़ा तैयार होने को लेकर डाले गये बीज खराब भी हो सकते है. हालांकि कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लगातार किसानों को फसलों की देखभाल और बेहतर खेती को लेकर सुझाव दिये जा रहे हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा भी किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है. कृषि पदाधिकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में अभी तक कृषि कार्य हेतु आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. किसानों को लैंपस के माध्यम से समय से पहले धान उपलब्ध कराया जा रहा है. किस्को प्रखंड के लैंपस में उन्नत किस्म के धान उपलब्ध कराने के कारण किसान लैंपस के माध्यम से ही अनुदानित दर पर धान खरीद कर रहे हैं.

इससे दुकानों में धान की बिक्री पिछले साल के मुताबिक कम देखने को मिल रही है. लैंपस के माध्यम से धान मिलने से किसान काफी खुश हैं. सरकार की ओर से बीज वितरण योजना शुरू करने के बाद से किसानों ने धान की खेती में इस बार तेजी दिखायी है. कृषि वैज्ञानिक हेमंत पांडेय ने कहा कि प्रखंड क्षेत्र में पिछले दो तीन दिन से बारिश नहीं होने के कारण खेत पूरी तरह कृषि कार्य हेतु तैयार हो चुके हैं. किसान फसलों की बुआई का कार्य जल्द शुरू कर दें.

किसानों को धान को छोड़ सभी खरीफ फसल की बुआई खेती में पंक्तियों वाले मेढ़ बना कर करने की सलाह दी. इसके अलावा किसानों को कहा गया कि ऊपरी खेतों में कम अवधि व कम पानी की आवश्यकता वाली फसल जैसे अरहर, उरद, सोयाबीन, मडुआ, मूंगफली की खेती में क्षेत्र के लिए अनुसंशित करने की सलाह दी है.

धूप निकलते खेती की तैयारी में जुटे किसान :

लोहरदगा. जिले में लगातार 10 दिनों तक हुई बारिश के बाद धूप उगने से किसान कृषि कार्य में जुट गये हैं. किसान खेत व टांड़ में सुबह से ही हल बैल के साथ पहुंच गये. टांड़ में मक्का, मूंगफली, उरद व अरहर लगाने समेत अन्य फसल लगाने में जुटे हैं, तो खेतों में रोपनी के लिए बिचड़ा लगाने के लिए खेत तैयार कर रहे हैं. लगातार बारिश से खेतों में बिचड़ा नहीं लगने के कारण किसान लगातार प्रयासरत है कि जल्द से जल्द उनके खेतों में रोपनी के लिए बिचड़ा डाल दिया जाये. कई किसान अपनी खेतों में बिचड़ा भी लगा चुके हैं,

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