झारखंड : अलकायदा के स्लीपर सेल से जुड़ने से पहले अल्ताफ चलाता था ऑटो, फिर ऐसे बदली उसकी जिंदगी
अल्ताफ के संबंध में उनके गांव वालों ने बताया कि वह कौवाखाप गांव में संचालित सामाजिक संगठन अंजुमन इस्लामिया का खजांची है.
लोहरदगा: लोहरदगा के कुड़ू प्रखंड में कुछ दिनों पहले एटीएस ने छापा मारा था. ये छापा कौवाखप गांव के रहने वाले अल्ताफ अंसारी के घर पर पड़ा था. जानकारी के मुताबिक वह अलकायदा इंडियन सबकाॅन्टिनेंट (AQIS) के स्लीपर सेल से जुड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों की मानें तो वह इससे पहले ऑटो चलाता था. तीन साल पहले वह एक सड़क हादसे में घायल हो गया था. जिसके बाद उसके सिर व गर्दन के बीच रॉड लगाया गया था. इसके बाद वह खेती-बाड़ी करने लगा. बताया जा रहा है कि वह चार दिन पहले जमात के लिए कुड़ू से दिल्ली गया था. वह चार दिनों से परिवार वालों के संपर्क में नहीं था. अल्ताफ के संबंध में उनके गांव वालों ने बताया कि वह कौवाखाप गांव में संचालित सामाजिक संगठन अंजुमन इस्लामिया का खजांची है. गांव में चंदा से लेकर समाज की बैठक के बाद जमा राशि का पूरा हिसाब-किताब वही रखता था.
डॉ इश्तियाक से मेडिका अस्पताल ने नाता तोड़ा, करार खत्म
डॉ इश्तियाक अहमद की गिरफ्तारी के बाद मेडिका अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर से नाता तोड़ लिया है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ विजय मिश्रा ने बताया कि मामले की जानकारी होते ही अस्पताल से उनका करार खत्म हो गया है. यहां बता दें कि डॉ इश्तियाक अहमद रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर पिछले कुछ वर्षों से मेडिका अस्पताल में काम कर रहा था. वह शाम के वक्त करीब डेढ़ घंटे के लिए मेडिका आता था. अस्पताल कर्मियों ने बताया कि ऐसा कभी नहीं लगा कि उनका जुड़ाव किसी आंतकी संगठन से हो सकता है. डॉ इश्तियाक ने रिम्स से एमबीबीएस करने के बाद वहीं से रेडियोलॉजी में एमडी की डिग्री हासिल की थी.
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