कैरो का कस्तूरबा बालिका अवासीय विद्यालय का भवन बन कर है तैयार, लेकिन विभाग को नहीं किया गया हस्तांतरित
कैरो प्रखंड का गठन लगभग 12 वर्ष पूर्व हुआ है. प्रखंड गठन के बाद प्रखंड क्षेत्र के लोगों को सुविधा देने के नाम पर कई भवन बनाये गये. लेकिन अधिकांश भवन बेकार साबित हो रहे हैं.
कैरो प्रखंड का गठन लगभग 12 वर्ष पूर्व हुआ है. प्रखंड गठन के बाद प्रखंड क्षेत्र के लोगों को सुविधा देने के नाम पर कई भवन बनाये गये. लेकिन अधिकांश भवन बेकार साबित हो रहे हैं. कुछ भवन अधूरे रह गये तो कुछ भवन को विभाग को हस्तांतरित ही नहीं किया गया. करोड़ों रुपये की लागत से बने भवन अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुके है.
कैरो में कस्तूरबा बालिका अवासीय विद्यालय संचालित हो, इसके लिए चार करोड़ की लागत से भवन का निर्माण कराया गया. भवन बनकर तैयार भी है. किंतु संवेदक ने भवन को विभाग को हस्तांतरित नहीं किया है. ज्ञात हो कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालय वर्तमान में कुडू से संचालित हो रहा है.
कैरो में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा थी कि अब हमारे बच्चे गांव में ही रहकर सरकारी सुविधा से बेहतर शिक्षा हासिल करेंगे. लेकिन भवन का हस्तांतरण नहीं होने से लोग निराश हैं. कैरो प्रखंड गठन के बाद अभी भी कई विभाग पुराने प्रखंडों से ही संचालित हो रहे हैं.
कैरो प्रखंड क्षेत्र में इसके पूर्व भी लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से आइटीआइ भवन, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण लगभग एक करोड़ की लागत से कराया गया है. इसके साथ ही कई सरकारी भवन बनाये गये हैं, जिसका उपयोग अबतक नहीं हुआ है. करोड़ो रुपये की लागत से बने भवन अब बेकार साबित हो रहे हैं.
लोगों का कहना है कि कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय का भवन भी आइटीआइ भवन व अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के भवन जैसा ही कहीं बेकार साबित ना हो जाये, लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा इनती बड़ी लागत से बनाये गये भवनों में राशि तो बर्बाद होता ही है, जमीन भी बर्बाद हो जाती है. इसका ना तो कोई उपयोग होता है और ना ही लोगों का कोई काम आता है.