लोहरदगा में कुडू प्रखंड का हाल : जनप्रतिनिधियों के आपसी झगड़े के कारण एक माह से जलापूर्ति ठप
जलापूर्ति योजना को शुरू कराने के प्रति स्थानीय प्रतिनिधि खामोश हैं. बताया जाता है कि लगभग आठ करोड़ की लागत से कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निर्माण कराया गया था. साल 2014-2015 में शुरू हुई योजना को पूरा होने में पांच साल लग गये. योजना के तहत 41 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाने तथा लगभग 2100 सौ घरों में कनेक्शन देने की योजना थी.
Jharkhand News, Lohardaga News लोहरदगा : आठ करोड़ की लागत से बनी कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना कोयल नदी के सूखने तथा ग्राम जल स्वच्छता समिति व कुड़ू पंचायत के जनप्रतिनिधियों की आपसी झगड़े के कारण एक माह से ठप है. ग्रामीण जलापूर्ति योजना के ठप रहने से शहरी क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. अहले सुबह से लेकर देर शाम तक शहरी क्षेत्र की महिलाओं से लेकर आमजन पीने का पानी का जुगाड़ करने में लगे हुए हैं. इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है.
जलापूर्ति योजना को शुरू कराने के प्रति स्थानीय प्रतिनिधि खामोश हैं. बताया जाता है कि लगभग आठ करोड़ की लागत से कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निर्माण कराया गया था. साल 2014-2015 में शुरू हुई योजना को पूरा होने में पांच साल लग गये. योजना के तहत 41 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाने तथा लगभग 2100 सौ घरों में कनेक्शन देने की योजना थी.
इसमें तीन पंचायतों कुड़ू, टाटी तथा पंडरा में लगभग 14 सौ कनेक्शन दिया गया है. दक्षिण कोयल नदी सूखने के कारण शहरी क्षेत्र के ग्रामीणों को एक माह से शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. नतीजा शहरी क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पीने का पानी के जुगाड़ में शहरी क्षेत्र के लोग भटक रहे हैं. शहरी क्षेत्र में लगे आधा से अधिक चापानल खराब है.
आपसी विवाद की भेंट चढ़ गयी जलापूर्ति योजना :
बताया जाता है कि ग्रामीण जलापूर्ति योजना कुड़ू तथा टाटी पंचायत में संचालित है. योजना में इंटकवेल कोलसिमरी पंचायत में, टाटी में जलापूर्ति कनेक्शन तथा जलमीनार से लेकर पाइपलाइन कुड़ू पंचायत में बनाया गया है. पिछले तीन साल से कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना का संचालन ग्राम जल स्वच्छता समिति कर रही थी. इसके तहत प्रति कनेक्शन धारकों से प्रतिमाह 60 रुपया राजस्व लिया जाता था, इसी राशि से मशीन चलानेवाले दो मजदूरों का मजदूरी भुगतान तथा मेंटनेंस का काम किया जाता था.
लेकिन एक साल से कुड़ू पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने योजना को अपने हाथों मे लेकर संचालन कर रहे थे. राशि की भी वसूली हो रही थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण योजना कई बार ठप हो गयी. वर्तमान में कुड़ू के चयनित जनप्रतिनिधि ठप पेयजलापूर्ति को चालू कराने के प्रति लापरवाह बने हुए हैं . नतीजा पानी के लिए ग्रामीण पानी-पानी हो रहे है . ग्रामीण जलापूर्ति योजना ठप रहने से कुड़ू पंचायत के तीन हजार, टाटी पंचायत के एक हजार तथा पंडरा पंचायत के एक हजार आबादी प्रभावित हुई है.
बालू का अवैध उठाव भी बन रहा कारण
दक्षिण कोयल नदी, जहां शहरी जलापूर्ति योजना का इंटेक वेल बनाया गया है उसके आस-पास से बालू का अवैध उठाव लगातार जारी है . रोजाना दर्जनों ट्रेक्टर बालू का उठाव कर रहे हैं. बालू का लगातार उठाव के कारण कोयल नदी का जलस्तर नीचे चला गया है , लिहाजा इंटेक वेल में पानी जमा नहीं हो पा रहा है इससे ग्रामीण जलापूर्ति योजना बाधित हो गयी है.
नदी के सूख जाने से हो रही परेशानी :
कनीय अभियंता : पीएचइडी विभाग के कनीय अभियंता सुमन खलखो ने बताया कि कोयल नदी सूख गयी है , इससे शहरी जलापूर्ति योजना मे समस्या हो रही है . इंटेक वेल की सफाई के बाद पानी नियमित मिलेगा.
किस कारण से ठप है, जानकारी ले रहे हैं :
बीडीओ : कुड़ू बीडीओ मनोरंजन कुमार ने बताया कि कुड़ू ग्रामीण जलापूर्ति योजना किस कारण से एक माह से ठप है, इसकी जानकारी ले रहे हैं . ग्रामीणों को पानी की समस्या नहीं होने देंगे .
Posted By : Sameer Oraon