लोहरदगा : प्रखंड क्षेत्र में धनकटनी का कार्य जोरों पर है. किसान अब आधुनिक मशीनों से धनकटनी का कार्य कर रहे है. धान कटाई व मिसाई कार्य में मजदूरों की जगह अब मशीन का उपयोग किया जा रहा हैं. बढ़ती मजदूरी और समय पर मजदूर नहीं मिलने से परेशान किसानों के लिए कृषि उपकरण काफी मददगार साबित हो रहा है.
धान कटाई का कार्य प्रारंभ होने के बाद कई किसानों को मजदूरों की कमी महसूस होने लगी है. ऐसे में एक ओर जहां मध्यम वर्ग के किसान पूरे परिवार के साथ हंसुआ लेकर खेतों में तैयार धान फसल की कटाई कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर अधिकांश किसान आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर धान फसल की कटाई और मिसाई एक साथ कर रहे हैं. मशीन के माध्यम से धान की कटाई तथा मिसाई कर रहे किसानों को परेशानियों से छुटकारा मिली है. इस वर्ष बेहतर बारिश के कारण बेहतर फसल पैदावार होने की उम्मीद जतायी जा रही है. अधिकांश किसान दुर्गा पूजा के बाद धान कटनी शुरू कर दिये हैं.
वहीं कुछ किसान दीपावली व छठ पर्व समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में ज्यादातर किसान मजदूरी दर और झंझट अधिक होने की वजह से आधुनिक मशीनों से फसल कटाई और मिसाई कराना उचित समझ रहे हैं. वहीं मध्यम वर्ग के किसान कृषि कार्य ट्रैक्टर के अलावा पारंपरिक रूप से इस्तेमाल होने वाली बैलों से धान मिसाई करने की तैयारी में जुट गये हैं. लगातार हुई बारिश के कारण खेतों में पानी भरे पड़े हैं, जिस कारण जिन खेतों में मशीन नहीं पहुंच पा रही, वहां मजदूरों से धान की कटाई का कार्य कराया जा रहा है. महंगाई बढ़ने से कम दर पर मजदूर नहीं मिल रहे हैं.
कृषि कार्य के लिए पुरुष वर्ग प्रतिदिन 350 रुपये की दर से मजदूरी कर रहे हैं. वहीं महिलाएं प्रतिदिन 250 रुपये पर कार्य कर रही हैं. इस वर्ष हार्वेस्टर से धान कटाई 600 रुपये प्रति घंटा है. वहीं थ्रेसर से मिसाई करने के लिए 1200 रुपये प्रति घंटा लिया जा रहा है. मामले पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी शंकर प्रसाद ने कहा कि इस वर्ष बेहतर बारिश हुई है. जिससे प्रखंड क्षेत्र में धान की पैदावार अच्छी हुई है.