नए वर्ष के स्वागत के लिए लोहरदगा जिला के पर्यटन स्थल सैलानियों का इंतेजार कर रहे हैं. वैसे तो प्रकृति ने लोहरदगा जिला को बड़े ही मनोयोग से सजाया सवारा है. एक से बढ़कर एक हसीन वादियां लोहरदगा जिला में है. जो पर्यटकों को लुभाता है. लोहरदगा जिला के पेशरार प्रखंड में स्थित लावापानी जलप्रपात की खुबसूरती देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.
यहां की हसीन वादियों में लोग घंटों वक्त गुजारते हैं. जिला मुख्यालय से 37 किलो मीटर दूर लावापानी जल प्रपात में लोग नव वर्ष मनाने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. लावापानी जल प्रपात का मुख्य आकर्षक सात स्टेप में लावा की तरह गिर रहे पानी का फौव्वारा होता है. इसके अलावा जंगल पहाड़ों से घिरे जल प्रपात लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है.
लावापानी जल प्रपात जाने के लिए लोगों को लोहरदगा चांदकोपा रोड से होकर जाना पड़ता है. पेशरार प्रखंड कार्यालय से एक किलो मीटर पहले दाहिनी ओर से लावापानी जल प्रपात का रास्ता बनाया गया है. लावापानी जल प्रपात जाने में लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए पेशरार एक्शन प्लान के तहत जल प्रपात तक सड़क बनायी गई है. पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी स्थल तक पहुंचने में ना हो, इसके लिए जगह जगह पर्यटन स्थल की ओर जाने का संकेत दर्शाया गया है.
नव वर्ष में जिले के अलावा अन्य जिलों से भी यहां लोग भारी संख्या में पहुंचते है और हसीन वादियों का आनंद परिवार सहित लेते है. कुछ वर्ष पहले यह क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. लेकिन समय के साथ परिस्थितियां बदली और यहां बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित पिकनिक मनाने पहुंचते है. लावापानी जल प्रपात की खुबसूरती सुनकर लोग अपने को वहां जाने से नहीं रोक पाते है. यही वजह है कि यहां सालो भर पर्यटक पहुंचते है.
लावापानी जल प्रपात पहुंचने के लिए बेहतर सड़क बनायी गयी है. हालांकि पर्यटक स्थल के रूप में अभी तक लावापानी जल प्रपात विकसित नहीं हो सका है जिसके कारण पर्यटकों के रात में ठहरने या खाने की व्यवस्था नहीं है. लावापानी जल प्रपात के समीप कई स्थानीय लोगों द्वारा होटल चलाया जाता है जहां लोग पहुंचते है. स्थानीय लोगों द्वारा ग्रामीण इलाके में बनने वाली कई व्यंजन बेचा जाता है. नव वर्ष शुरू होते ही यहां पुलिस प्रसाशन की गतिविधियां तेज हो जाती है. प्रसाशन द्वारा प्रयास किया जाता है कि बाहर से नव वर्ष मनाने आए लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो.लावापानी जल प्रपात लातेहार के रास्ते भी सरयू होते लोग पहुंचते हैं.