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Lohardaga news : विकास की राह पर अग्रसर है उग्रवादियों का गढ़ माने जाने वाला पेशरार, नाशपाती की खेती से आयेगी खुशहाली

लोहरदगा जिले के पेशरार प्रखंड की कहानी

लोहरदगा : कभी उग्रवादियों का गढ़ माने जाने वाला पेशरार इलाका में अब समृद्धि की धारा बहेगी. उग्रवाद प्रभावित इलाका होने के कारण यह क्षेत्र विकास से काफी दूर था. यहां अब नाशपाती की खेती की जायेगी. यहां के लोगों के जीवन में नाशपाती (फल) समृद्धि लायेगा. यहां पर लगभग 500 एकड़ में नाशपाती की खेती का काम शुरू कर दिया गया है.

प्रति सीजन एक एकड़ में किसान तीन लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं. नाशपाती की खेती में किसानों को किसी तरह का खर्च नहीं करना है. सारा खर्च सरकार करेगी. पेशरार प्रखंड के कई गांवों में नाशपाती की खेती का काम शुरू किया जा चुका है. इससे लोगों में खुशी देखी जा रही है. लोगों का कहना है कि यहां चार अक्तूबर 2000 को उग्रवादियों ने लोहरदगा के तत्कालीन पुलिस कप्तान अजय कुमार सिंह की हत्या कर दी थी.

इसके बाद इस इलाके में लोग आने से भी डरते थे. विकास के नाम पर लूट थी. अब सब कुछ बदल रहा है. इस क्षेत्र को प्रकृति ने अच्छी तरह से सजाया व संवारा है. यहां का लावापानी झरना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. अब जब नाशपाती की खेती शुरू हो रही है, तो यह इलाका और भी अधिक समृद्ध होगा. यहां के लोग खुशहाल होंगे. कभी उग्रवादियों का गढ़ माने जाने वाला पेशरार आज विकास की राह पर चलने लगा है.

इस क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं. गांव के मंगल नगेसिया का कहना है कि नाशपाती की खेती करेंगे, तो निश्चित रूप से लाभ होगा. परिवार में खुशहाली आयेगी. जिले में नाशपाती की खेती को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. पेशरार प्रखंड की तुइमू पंचायत स्थित मनहेपाट व हेसाग पंचायत के पुंदाग गांव में बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत नाशपाती बागवानी का गढ़ा खोदो अभियान का शुभारंभ किया गया.

प्रखंड के 500 एकड़ में नाशपाती की बागवानी करने की स्वीकृति बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत प्रदान की गयी है. यह योजना यहां के लोगों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए है. नाशपाती लगाये जाने से पूर्व गड्ढों की खुदाई की जा रही है, जिससे रोजगार उपलब्ध होगा. इसके बाद नाशपाती के पौधे लगाये जायेंगे. एक बार नाशपाती का पेड़ तैयार हो जाने के बाद प्रति सीजन एक एकड़ जमीन पर लगाये गये पौधों से लगभग ढाई से तीन लाख रुपये की आय होगी.

क्या कहते हैं जिले के उपायुक्त

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत इस योजना की स्वीकृति मनरेगा आयुक्त द्वारा प्रदान की गयी है. अभी गड्ढों की खुदाई होगी. गड्ढे तैयार हो जाने के बाद दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 माह में पौधे लगाने का कार्य शुरू किया जायेगा. यह अन्य सरकारी योजनाओं जैसी नहीं है. यह किसान की अपनी योजना है. इसकी आय से किसी प्रकार की राशि सरकार को नहीं देनी होगी. इससे किसानों की विशुद्ध कमाई होगी.

अधिकारियों ने बताया कि आनेवाले दिनों में यहां तालाब व चैकडैम की भी योजना दी जायेगी. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा. उपायुक्त द्वारा लाभुक शिव खेरवार की जमीन पर नाशपाती बागवानी का शुभारंभ करते हुए गड्ढे की खुदाई की गयी. पुंदाग गांव में बलदेव उरांव की जमीन पर गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया. पेशरार वासियों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना चाहते हैं

उपायुक्त ने कहा कि वर्ष 1962 में जब चीन व भारत के बीच युद्ध हुआ था, तो प्रभावित राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश के लोगों में भी भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. उस समय भी वहां के प्रशासक ने सेब लगाने का सुझाव दिया. इसके बाद वहां के लोगों ने इसे शुरू किया. इसके कारण यहां के लोग आर्थिक रूप से समृद्ध हो गये. पेशरार के लोगों को भी हम आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना चाहते हैं. अगर आप नाशपाती की इस योजना को स्वीकार करेंगे, तो आप भी संपन्न हो जायेंगे.

posted by : sameer oraon

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