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आषाढ़ में बारिश शुरू होने से लोहरदगा के किसानों में बेहतर खेती होने की आस जगी

अधिकांश खेतों में हाइब्रिड बीज लगाए जाते हैं. धान का बिचड़ा के लिए खेत में धान बन रहे किसान ने बताया कि हाइब्रिड धान का बिचड़ा 21 दिनों में रोपने के लायक हो जाता है.

जिले के किसान आषाढ़ माह शुरू होने के साथ ही खरीफ फसल की तैयारी में जुट गये हैं. मानसून की बारिश भी जिले में शुरू हो गयी है. बारिश शुरू होते ही किसान अपनी खेतों की जुताई कोड़ाई में जुट गये हैं. अधिकांश किसानों द्वारा खेतों को तैयार कर लिया गया है. अब किसान रोपनी करने के लिए बिचड़ा खेतों में डाल रहे हैं. जिले में वर्तमान समय में पारंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक खेती की ओर किसान अग्रसर हैं.

अधिकांश खेतों में हाइब्रिड बीज लगाए जाते हैं. धान का बिचड़ा के लिए खेत में धान बन रहे किसान ने बताया कि हाइब्रिड धान का बिचड़ा 21 दिनों में रोपने के लायक हो जाता है. हाइब्रिड बिचड़े को एक महीने के अंदर रोकने से उत्पादन ज्यादा होता है. बताया कि शुरुआती बारिश से किसानों को आशा जगी है कि बारिश बेहतर होगी. लगभग किसानों का खेत तैयार है और रोपनी के लिए बिचड़ा लगाने का काम जोरों पर चल रहा है. यदि मॉनसून इसी तरह रहा तो रोपनी का कार्य बेहतर तरीके से हो जायेगा. इससे उत्पादन भी बेहतर होने की संभावना है.

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