लोहरदगा का मन्हो-बाघा सड़क जर्जर, पैदल चलना भी हुआ मुश्किल
लोहरदगा का मन्हो-बाघा सड़क का हाल बेहाल, निर्माण कार्य में लगने वाली सामाग्री संवेदक द्वारा नहीं लगायी गयी, जिससे सड़क खराब हो गयी.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मन्हो से बाघा तक सड़क निर्माण तक का कार्य 2010 में शुरू किया गया था. सड़क की लंबाई लगभग साढे छह किमी है. 2010 में निर्माण कार्य अशोक सिंह को निविदा के माध्यम से दिया गया था. निर्माण कार्य संवेदक द्वारा घटिया तरीके से कराया जा रहा था, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग को की. विभागीय जांच में निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं पाये जाने के बाद कार्य को रोक दिया गया.
एक ओर संवेदक को ब्लैक लिस्टेड किया गया. निर्माण कार्य बंद होने के दो वर्ष बाद पुन: निर्माण कार्य की निविदा निकाली गयी, लेकिन निर्माण कार्य ब्लैक लिस्टेड संवेदक अशोक सिंह के पार्टनर को मिल गया. इसके द्वारा निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं कराया गया. निर्माण कार्य में लगने वाली सामाग्री संवेदक द्वारा नहीं लगायी गयी, जिससे सड़क खराब हो गयी.
अब तो यह सड़क चलने लायक भी नहीं रह गयी. सूत्र बताते है कि सड़क निर्माण का मेंटेनेंस का खर्च भी संवेदक द्वारा विभाग से निकाल लिया गया. मन्हों व बाघा के बीच कोयल नदी पर पुल का निर्माण हो जाने के बाद इस सड़क पर आवागमन अधिक हो गया है. ऐसी स्थिति में सड़क पर चलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क में जगह-जगह गड्ढे बन गये, जिससे राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ती है.