मनरेगा कर्मियों की हड़ताल का विकास योजनाओं पर पड़ा असर

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अनुबंध पर बहाल कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं पर उसका आंशिक असर पड़ा है. मजदूरों के पर्याप्त संख्या में नहीं निकलने से लगभग 20 योजनाओं में काम शुरू नहीं हो पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2020 1:28 AM
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मजदूरों के पर्याप्त संख्या में नहीं निकलने से लगभग 20 योजनाओं में काम शुरू नहीं हो पाया है

कुड़ू : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अनुबंध पर बहाल कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं पर उसका आंशिक असर पड़ा है. मजदूरों के पर्याप्त संख्या में नहीं निकलने से लगभग 20 योजनाओं में काम शुरू नहीं हो पाया है.

मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक बिरसा हरित क्रांति योजना प्रभावित हो रही है. बताया जाता है कि मनरेगा से प्रखंड में कुल 19 कर्मी बहाल हुए थे. इसमें 13 रोजगार सेवक, एक मनरेगा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रघुनाथ मुंडा, एक सहायक अभियंता विशाल मिंज, दो कनीय अभियंता सरोज राम तथा दुर्गा बच्चन कुजूर, एक लेखा सहायक सुमति कुमारी तथा एक डाटा इंट्री ऑपरेटर अभिषेक कुमार शामिल हैं.

संबंधित पंचायत के रोजगार सेवक का काम मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं में मजदूरों को निकालते हुए काम पर लगाना, हाजरी बनाना तथा मजदूरों के खाते में मजदूरी भुगतान कराना है. कनीय अभियंता को विकास योजनाओं की मापी पुस्तिका बनाते हुए विकास योजनाओं का अभिलेख ससमय बंद कराना है.

बीपीओ तथा सहायक अभियंता विकास योजनाओं की निगरानी करते हैं. प्रखंड में मनरेगा से लगभग 350 विकास योजनाओं का संचालन हो रहा है तथा प्रतिदिन लगभग 2300 मजदूरों को काम मिल रहा था. पिछले एक पखवारा से अपनी मांगों को लेकर मनरेगा कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से लगभग 20 विकास योजनाओं पर सीधा असर पड़ा है़ जिससे लगभग एक सौ मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं.

पंचायत सचिवों की बढ़ी जिम्मेदारी

मनरेगा के तहत बहाल रोजगार सेवकों के हड़ताल पर जाने के बाद पंचायत सचिवों की जिम्मेवारी बढ़ गयी है. रोजगार सेवक से लेकर 14 वें वित्त आयोग से संचालित विकास योजनाओं को ससमय पूर्ण कराने की जवाबदेही पंचायत सचिवों पर आ गयी है. पंचायत सचिव मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की हाजरी बनाने से लेकर मजदूरी भुगतान, मजदूर डिमांड से लेकर एमआइएस तक तथा पंचायतों में 14 वें वित्त आयोग से संचालित जलमीनार से लेकर पेबर ब्लाॅक सड़क निर्माण को पूर्ण कराना समेत अन्य काम शामिल हैं.

मनरेगा कर्मियों के हड़ताल के कारण जहां मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं पर आंशिक असर पड़ा है वहीं पंचायत सचिवों की जवाबदेही तथा जिम्मेवारी बढ़ गयी है. इस संबंध में बीडीओ मनोरंजन कुमार ने बताया कि मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से काम थोड़ा प्रभावित हो रहा है. पंचायत सचिवों से काम कराया जा रहा है.

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