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लोहरदगा : नल जल योजना में गड़बड़ी, एक लाख 87 हजार का जलमीनार बना साढ़े तीन लाख में

प्रखंड के 14 पंचायतों में दो लाख 49 हजार की लागत से लगभग 18 सोलर आधारित जलमीनार का निर्माण कराया गया था लगभग जलमीनार डेड एसेट बने हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 24, 2023 2:03 PM

अमित राज, कुड़ू लोहरदगा :

मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत 14 वें वित्त आयोग की राशि से प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पेयजल के लिए लगायी गयी सोलर आधारित जलमीनार निर्माण में सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. मुखियाओं के द्वारा पंचायत स्तर पर लगने वाले सोलर आधारित जलमीनार निर्माण में जहां दो लाख 49 हजार रुपए से लेकर तीन लाख 84 हजार रुपए खर्च किया गया है, तो दूसरी तरफ पंचायत समिति के मद से जलमीनार निर्माण में आरओ सिस्टम लगाने के बावजूद मात्र एक लाख 87 हजार रुपये खर्च किये गये. सवाल उठता है कि जलमीनार निर्माण में एक ही प्राक्कलन के बावजूद अलग-अलग राशि खर्च क्यों की गयी.

आखिर तीन लाख 84 हजार की लागत से बनी जलमीनार जहां शो पीस बनते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ पंचायत समिति के मद से बनें जलमीनार से आमजनों को शुद्ध पेयजल कैसे मिल रहा है. बताया जाता है कि 14 वें वित्त आयोग की राशि से प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मुखियाओं को निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में आमजनों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने को लेकर सोलर आधारित जलमीनार निर्माण की स्वीकृति दी गई थी. इसमें सरकारी चापानल में समरसेबल मशीन लगाने, सोलर पैनल, पानी की टंकी तथा स्ट्रक्चर बनाते हुए प्लेटफॉर्म बनाना था. मुखिया तथा पंचायत सचिव की मिलीभगत से पसंदीदा वेंडरों को काम दिया गया.

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कागजो में ग्रामसभा की गयी तथा जलमीनार निर्माण का कार्य शुरू किया गया. तीन लाख 84 हजार की लागत से बनी सोलर आधारित जलमीनार को पांच साल तक मेंटनेंस की जवाबदेही तय की गयी साथ ही दो लाख 49 हजार की लागत वाली जलमीनार को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. जलमीनार निर्माण के लिए दो अलग-अलग प्राक्कलन बनाया गया ताकि सरकारी राशि की बंदरबांट की जा सके. बताया जाता है कि प्रखंड के 14 पंचायतों में दो लाख 49 हजार की लागत से लगभग 18 सोलर आधारित जलमीनार का निर्माण कराया गया था लगभग जलमीनार डेड एसेट बने हुए हैं.

तीन लाख 84 हजार की लागत से प्रखंड के 14 पंचायतों में लगभग 48 सोलर आधारित जलमीनार का निर्माण कराया गया, सोलर आधारित जलमीनार आधे से अधिक मामूली खराबी तथा मेंटनेंस के अभाव में ठप है, जिसे कोई देखने वाला नहीं है. खराब जलमीनार को दुरुस्त कराने के प्रति ना तो संबंधित पंचायत के मुखिया ना ही बीडीओ से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहें हैं. नतीजा आमजन पीने के पानी के लिए परेशान हैं. दूसरी तरफ पंचायत समिति मद से प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में एक लाख 87 हजार की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया है.

पंसस के मद से बनी जलमीनार को संचालन विद्युत आपूर्ति से की जा रही है, लेकिन पंसस के मद से बनी जलमीनार में आरओ सिस्टम लगा हुआ है इसके अलावा पूरे स्ट्रक्चर की घेराबंदी की गयी है, ताकि गंदगी प्रवेश नहीं कर सकें. इस संबंध में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बुधेश्वर उरांव ने बताया कि पंसस मद से एक लाख 87 हजार रुपए की लागत से आरओ सिस्टम लगा जलमीनार का निर्माण कराया गया है जबकि 14 वें वित्त आयोग की राशि से प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में तीन लाख 84 हजार की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया है, इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा पत्र जारी किया गया था. मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है.

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