लोहरदगा में पीने के पानी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं लोग, जन प्रतिनिधि हैं नदारद
उन्हें जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं रह गया है. लोगों की प्यास बुझाने की जिम्मेवारी नगर परिषद की है. लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं से उपर उठ चुके है. यहां जलापूर्ति का संवेदक धनबाद का है और इसपर किसी का नियंत्रण नहीं है. संवेदक सिर्फ भुगतान लेने यहां आता है.
लोहरदगा : लोहरदगा शहरी क्षेत्र में पेयजल समस्या उत्पन्न हो गयी है. पीने की पानी के लिए लोग इधर उधर भटक रहे हैं. लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. समृद्ध लोग तो खरीदकर पानी मंगा ले रहे हैं, लेकिन आम लोगों की स्थिति ऐसी नहीं है. नगर परिषद क्षेत्र के लोग आखिर फरियाद करें तो कहां करें. लोहरदगा को मॉडल शहर बनाने का वादा कर चुनाव जीतने वाले लोग अब सिर्फ अखबारों में नजर आते है.
उन्हें जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं रह गया है. लोगों की प्यास बुझाने की जिम्मेवारी नगर परिषद की है. लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं से उपर उठ चुके है. यहां जलापूर्ति का संवेदक धनबाद का है और इसपर किसी का नियंत्रण नहीं है. संवेदक सिर्फ भुगतान लेने यहां आता है.
पानी की आपूर्ति कभी कभार होती है. पानी चलानेवाले मजदूरों का मानदेय भी बकाया है. शहर में नियमित जलापूर्ति नहीं होने और लोगों की बढ़ती परेशानी और आक्रोश को देखते हुए कुछ इलाको में गुरुवार को टैंकर से पानी की आपूर्ति की गयी. जल संकट पर लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जो जनप्रतिनिधि लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं करा सकते है उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है.