अंधेरे में रहने को विवश हैं लोहरदगा नप क्षेत्र के कई इलाकों के लोग, जनप्रतिनिधियों को फिक्र नहीं
पिछले कई माह से स्ट्रीट लाइटें खराब होने से आमलोगों को परेशानी हो रही है. नगर परिषद के उच्च पद पर आसीन जनप्रतिनिधियों और सक्षम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए. हर बार लाखों रुपये लाइट पर खर्च होती है, लेकिन घटिया क्वालिटी की लाइटें हमेशा लगायी जाती है, जो माह भर भी नहीं चलती है. सारा खेल कमीशन का होता है.
लोहरदगा : लोहरदगा नगर परिषद के कई इलाकों में अंधेरे का साम्राज्य कायम है. नगर परिषद के 23 वार्डों में स्ट्रीट लाइटें लगी है, परंतु वे महीनों से खराब है. बरसात में आम जनता को स्ट्रीट लाइटें ठीक नहीं होने के से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वार्ड पार्षदों ने कहा कि ऑफिस में शिकायत लिखित व मौखिक करने के बाद भी यहीं कहा जाता है स्विच नहीं है, तार नहीं है, नयी लाइटें नहीं है, बल्ब नहीं है, पार्ट्स नहीं है और सक्षम लोगों से पूछने पर पता चलता है कि लाइट के लिए सामान के लिए और नयी लाइटों के लिए रांची लिखा गया है.
पिछले कई माह से स्ट्रीट लाइटें खराब होने से आमलोगों को परेशानी हो रही है. नगर परिषद के उच्च पद पर आसीन जनप्रतिनिधियों और सक्षम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए. हर बार लाखों रुपये लाइट पर खर्च होती है, लेकिन घटिया क्वालिटी की लाइटें हमेशा लगायी जाती है, जो माह भर भी नहीं चलती है. सारा खेल कमीशन का होता है.
पिछली बार जो लाइटें लगायी गयी, वह 10 दिन में खराब हो गयी थी. इधर, नगर परिषद के जनप्रतिनिधि की मजबूरी है कि वे खामोश रहें. जनता परेशान है बरसात के मौसम में रात के अंधेरे में रहने को विवश हैं. नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों को इसकी कोइ फिक्र नहीं है.