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1953 में रामनवमी की शुरुआत की गयी

कुड़ू में सबसे पहले रामनवमी के मौके पर साल 1953 में हनुमान संघ रामनगर धोबी टोला में रामनवमी के मौके पर महाबीरी झंडा का पूजन करते हुए रामनवमी का शुभारंभ किया गया था.

यादों के झरोखें में कुड़ू की रामनवमी

फाइल फोटो . रामनवमी के मौके पर निकाली गयी झांकी

शोभायात्रा में ताशा व बैंड बजाते युवक

कुड़ू. रामनवमी का कुड़ू में गौरवशाली इतिहास रहा है. कुड़ू में सबसे पहले रामनवमी के मौके पर साल 1953 में हनुमान संघ रामनगर धोबी टोला में रामनवमी के मौके पर महाबीरी झंडा का पूजन करते हुए रामनवमी का शुभारंभ किया गया था. प्रारंभ काल में गांव के तब के युवा तथा वर्तमान में बुजुर्गों ने टायर जलाकर तथा टीना बजाते हुए रामनवमी त्योहार का शुभारंभ किया गया. गांव के बुजुर्ग स्व कुलेश्वर बैठा, स्व कुलदीप बैठा, स्व धीरजू बैठा, स्व हरिश्चंद्र बैठा, स्व महाबीर राम, सहित अर्जुन बैठा, बरूण बैठा,पुरण बैठा तथा अन्य ने साल 1953 में रामनवमी से एक सप्ताह पहले बैठक करते हुए महाबीरी झंडा पूजन का निर्णय लिया. निर्णय में तय हुआ कि रामनवमी के दिन सुबह में चापानल बांस झाड़ी के समीप पूजा की जायेगी. इससे चार दिन पहले तेलीगढ़ा के समीप साफ सफाई की गयी तथा शाम में टायर जलाकर तथा टीना बजाकर गांव के लोगों को बुलाया गया . गांव के युवकों ने गांव में बांस की लाठी काटकर लाये थे, जिसे टायर की रोशनी में जमकर अपना करतब दिखाये. खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए टीन बजाया गया . रामनवमी के एक दिन पहले गांव में चंदा किया गया तथा उसी चंदा के पैसे से महाबीरी झंडा खरीदा गया साथ में चना तथा गुड़ खरीदा गया . पुरोहित ने बांस झाड़ी के समीप विधि विधान के साथ महाबीरी झंडा तथा बांस की लाठी का पूजन कराया. दस साल तक टायर की रौशनी में टीना बजाकर खिलाड़ियों ने तेलीगढ़ा के समीप अपना करतब दिखाया. साल 1963 में पेट्रोमेक्स तथा ढोलक आया . पेट्रोमेक्स की रोशनी में ढोलक तथा मंजिरा से खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया जाने लगा. साल 1965 में कुड़ू शहरी क्षेत्र के प्रबुद्धजनों की बैठक संपन्न हुई. बैठक में तय किया गया कि रामनवमी के मौके पर कुड़ू शहरी क्षेत्र में शोभायात्रा तथा मेला लगाया जायेगा. लेकिन रामनवमी के दिन किसी कारण से शोभायात्रा नहीं निकाली गई. साल 1966 में पहली बार कुड़ू शहरी क्षेत्र के हनुमान संघ रामनगर धोबी टोला, बजरंग दल बाजारटांड़ व अन्य अखाड़ा की सामूहिक बैठक बिड़ला भवन में हुई. बैठक में तय किया गया था रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा निकालते हुए शहरी क्षेत्र में भ्रमण के बाद बेलटांड में मेला लगाया जायेगा. साल 1966 में रामनवमी के दिन दोपहर तीन बजे हनुमान संघ रामनगर धोबी टोला से ढ़ोलक तथा मंजिरा के साथ शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा बस स्टैंड होते हुए थाना के समीप पहुंची जहां बजरंग दल अखाड़ा बाजारटांड़ तथा अन्य से मिलन के बाद शोभायात्रा चंदवा रोड में बेल टांड़ पहुंचीं. शोभायात्रा में शामिल सभी अखाड़े के महाबीरी झंडा बेलटांड पहुंचा जहां सभी महाबीरी झंडा ढोने वाले ग्रामीणों का पांव धोकर उनका स्वागत किया गया. इसके बाद सभी अखाड़े के प्रतिभागियों ने लाठी, बाना, फरसा,तलवार तथा अन्य पारंपरिक हथियारों से अपनी का का प्रदर्शन किया. दोपहर चार बजे से मेला शाम छह बजे तक रहा इसके बाद सुर्य अस्त होने तथा अंधेरा होने से पहले मेला का समापन किया गया. रामनवमी के मौके पर कुड़ू में हनुमान संघ रामनगर धोबी टोला ने टायर जलाकर तथा टीना बजाकर महाबीरी झंडा पूजन का कार्यक्रम शुरू किया था.

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