गर्मी के आगमन के साथ ही जलसंकट गहराने लगा है. प्रखंड क्षेत्र के नदी तालाब सभी लगभग सूख चुके हैं. आम लोगों के साथ साथ पशु पक्षियों को भी पानी की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पानी की संकट के कारण खेतों में लगे फसल भी पानी की अभाव में सूखने लगे हैं. हजारों एकड़ में लगे फसल पानी के अभाव में सूख रहे हैं.
ग्रामीण नदी में बने डैम में एक वर्ष से अधिक से पानी एकत्रित करने के लिए फाटक निर्माण की मांग प्रशासन से कर रहे हैं. परंतु कोई फायदा नहीं हो रहा है. लोगों की प्यास बुझाने में पंचायत द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में लगी जलमीनार लोगों की प्यास बुझाने में असमर्थ नजर आ रही है. अधिकांश जलमीनार में जलस्तर नीचे चली गयी है. अधिकांश खराब पड़ी है.
वहीं लोगों की सुविधा के अनुसार जलमीनार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जलमीनार में काफी भीड़ देखने को मिलती है. पंचायत के सभी गांव में जलमीनार नहीं होने के कारण एक-दूसरे गांव के लोग एक ही जलमीनार में आश्रित हैं. परहेपाठ पंचायत क्षेत्र में इन दिनों लोगों के समीप विकट जलसंकट उत्पन्न हो गयी है.
ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय के समीप किस्को नदी में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से परहेपाठ पंचायत के लगभग 1000 परिवार को घर-घर मिलने वाला पानी पिछले एक वर्ष से अधिक समय से बंद पड़ी है. पानी सफ्लाई नहीं होने के कारण लोगों को सुद्ध जल नहीं मिल पा रही है. जिससे पानी के लिए परहेपाठ पंचायत के एक हजार से अधिक परिवार में हाहाकार मची हुई है.
लोग नदी एवं तालाब में आश्रित हैं. जो भी लगभग सुख चुके हैं. ऐसे में प्यास बुझाना लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है. पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पानी नहीं मिलने से लोग परेशान है. ग्रामीण पति राम, देवेंद्र साहू, जयराम राम, लूरका राम, जगदेव उरांव, देवानंद साहू, सुखदेव रजवार एवं अन्य ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पानी बंद कर दी गयी है. ग्रामीण जनता का कहना है कि जल्द पानी का संचालन शुरू हो, जिससे लोगों की समस्या समाप्त हो सके.