लोहरदगा. जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है. जिले में गुरुवार को 40 डिग्री के पार तापमान चला गया. भीषण गर्मी से हर तबके के लोग परेशान हैं. भीषण गर्मी ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है. भीषण गर्मी के कारण लू चल रहा है. हर तबके के लोग लू से बचते हुए अपना काम करने के प्रयास में जुटे हुए हैं. धूप इतनी कड़ी है कि लोग नौ बजे से पांच बजे तक अपने घरों में दुबकने को विवश हैं. जो भी काम हो रहा है, उसे नौ बजे पहले ही करना पसंद कर रहे हैं. भीषण गर्मी से किसान वर्ग के लोग, गोपालक किसान, दिहाड़ी मजदूर, व्यवसायी सभी प्रभावित हैं. भीषण गर्मी से निर्माण कार्य में भी असर पड़ रहा है. इससे लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ रहा है . भीषण गर्मी के कारण नदी, तालाब, कुआं का जलस्तर नीचे चला गया है. सालों भर बहने वाली नालों में एक बूंद पानी का बहाव नहीं हो रहा है. इसे वन्य जीव के साथ-साथ पशु पक्षी सभी हलकान हो रहे हैं .
कोयल नदी सूखी, नहीं हो पा रही है जलापूर्ति
नदी, तालाब, कुआं के सूख जाने से लोगों के समक्ष पीने की पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. खेती किसानी के लिए लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण खेतों में लगी फसल झुलस रही है. जलस्तर नीचे जाने से शहर से लेकर गांव तक के लोग पानी के लिए परेशान हैं. शहरी क्षेत्र के लोग जलापूर्ति पर आश्रित है. लेकिन जिस कोयल नदी से शहरी जलापूर्ति की जाती है वह कोयल नदी ही सूख गयी है. कोयल नदी में पानी का बहाव नहीं हो रहा है. जलापूर्ति के लिए बनाया गया कोयल नदी का कुआं सूख गया है. जिसके कारण जलापूर्ति ठप हो गयी है. सरकारी कार्यालय में कार्यरत लोगों को पाने के लिए भटकना पड़ रहा है. शहरी क्षेत्र के लोग आरओ वॉटर एवं बोतल का पानी खरीद कर पीने को विवश है. क्योंकि सप्ताह में भी एक दिन जलापूर्ति का पानी घरों में नहीं पहुंच पा रहा है. ग्रामीण इलाकों में भी पानी की भारी किल्लत हो गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में बनायी गयी हर घर नल योजना फेल साबित हो रही है. इसके अलावा सोलर आधारित जलापूर्ति योजना भी दिखावे की वस्तु बनकर रह गयी है. अधिकांश चापाकल खराब पड़ा है. जिसके कारण लोगों को दूर-दूर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है .
किसान वर्ग के लोग अधिक परेशानी में हैं. खेतों में लगी फसलों को रात में पटवन कर रहे हैं. बावजूद इसके खेतों में लगी फसल गर्मी के कारण झुलसने लगी है. किसान वर्ग के लोग किसी तरह अपनी फसल को बचाने के भरसक प्रयास में है. लेकिन भीषण गर्मी के आगे इनका कुछ नहीं चल पा रहा है. ग्रामीण इलाके से शहर के बाजार में पहुंचे लोगों को पीने की पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण इलाके से आये लोग जहां चापाकल देख रहे हैं वहीं रुक कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. भीषण गर्मी के कारण लोग दोपहर में चलना उचित नहीं समझ रहे हैं. यहां तक की चार पहिया वाहन में चलने वाले लोग भी दोपहर में अपने वाहनों को खड़ा कर पेड़ पौधों के नीचे समय गुजार रहे हैं.
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