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ईख की मिठास से आ रही है जीवन में खुशहाली

जिले के किसान अब धान के अलावा अन्य फसलों की ओर अपना रुख किये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 9:12 PM

गन्ने की मांग बढ़ने पर किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं

फोटो. खेतों में लगी ईख की फसल

गोपी कुंवर, लोहरदगा

जिले के किसान अब धान के अलावा अन्य फसलों की ओर अपना रुख किये हैं. पहले सिर्फ धान की खेती पर ही लोग निर्भर रहते थे, लेकिन अब लोग ईख की खेती कर समृद्ध हो रहे हैं.लोहरदगा जिला के सेन्हा, भंडरा, किस्को एवं कुडू प्रखंड में बड़े पैमाने पर ईख की खेती की जा रही है. किसानों का कहना है कि काफी कम लागत व काफी कम मेहनत में ईख की खेती होती है और मुनाफा भी अच्छी होती है. लोहरदगा से ईख बिहार यूपी के चीनी मिलों में भी भेजी जाती है, लेकिन इसमें थोड़ी परेशानी होती है और अब तो बिहार के व्यवसायी खुद आकर सौदा कर लेते हैं. स्थानीय बाजारों में भी ईख के रस की बिक्री बडे पैमाने पर होने लगी है. इसके लिए विशेष गाड़ी बनायी गयी है, जो घूम-घूम कर गन्ने की रस की बिक्री करते हैं. गांव-गांव में अब लोग गुड़ भी बनाने लगे हैं. ईख अब इस इलाके में समृद्धि का प्रतीक बनता जा रहा है.गन्ने की मांग बढ़ने व घर बैठे गन्ना की बिक्री होने से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. किसान गन्ने की खेती कर बेहतर आमदनी कमा रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बेहतर गन्ने की फसल हुई है.

किस्को प्रखंड क्षेत्र के किस्को,परहेपाठ,आरेया, हेसापिढी,परहेपाठ व अन्य गाँव में किसानों द्वारा ईख की खेती की गयी है. इस वर्ष धान की फसल छोड़ किसानों द्वारा गन्ने की फसल में किस्मत आजमायी गयी है, जो कारगर साबित हो रही है. एक गाड़ी गन्ना बेचकर लगभग दो लाख रुपये किसान कमा रहे हैं.गन्ना बेचकर प्रखंड क्षेत्र किसान बेहतर आमदनी कमा रहे हैं.किसानों का कहना है कि व्यापारियों द्वारा 13 रुपये प्रति गन्ने की दर से गन्ना खरीद कर ले जाया जा रहा है.जिससे किसान काफी कुछ नजर आ रहे हैं.किसानों ने बताया कि 30 से 40 हजार रुपये की लागत से प्रति एकड़ गन्ने की फसल लगायी गयी थी. जबकि अब लगभग दो लाख रुपये से अधिक प्रति किसान कमाई कर रहे हैं.

किसानों को गन्ने को बेचने के लिए बाजार जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है.सारे गन्ने खेत से ही बिक जा रहे हैं.किस्को प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने लगभग 50 एकड़ से अधिक भूमि पर गन्ना की खेती की है.जिसे हजारीबाग औरंगाबाद जमशेदपुर गोरखपुर पटना, गया, चाईबासा, टाटा,लातेहार व अन्य जगहों के व्यापारी जाकर खेतों से ही खरीद कर ले जा रहे हैं.एक वाहन में किसानों के 09 हजार गन्ने लोड किए जाते हैं,जिससे किसानों को एक से डेढ़ लाख रुपये लगभग प्राप्त होती है.सेन्हा प्रखंड के किसान भी बडे पैमाने पर ईख की खेती किये हैं. लगभग 100 एकड़ में ईख की खेती की गयी है. इन्हें भी बेहतर आमदनी हो रही है. ईख के मामले में लोहरदगा की एक अलग पहचान बन रही है.

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