पंचायत सचिव से लेकर कनीय अभियंता के पद खाली

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत मजदूरों को साल में 100 दिन रोजगार देने की गारंटी तय करती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2024 8:07 PM

अमित, कुड़ू

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत मजदूरों को साल में 100 दिन रोजगार देने की गारंटी तय करती हैं. लेकिन जहां कर्मियों से लेकर अधिकारियों की कमी हो, प्रभार में कई पद कई साल से चल रहे हों, वहां मनरेगा के तहत निबंधित मजदूर परिवारों को साल में 100 दिन का रोजगार कैसे मिलता होगा, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रखंड में डाटा इंट्री आपरेटर आउटसोर्सिंग कंपनी के तहत बहाल कर्मियों के सहारे चल रहा है. प्रखंड के मजदूर रोजगार के अभाव मे पलायन करने को विवश है. मनरेगा से मजदूरों का मोहभंग होता जा रहा है कारण समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं होना दूसरी तरफ मजदूरी भुगतान में लेट लतीफी माना जाता है.

39 हजार, 55 परिवारों को मिला साल में 100 दिन का रोजगारप्रखंड के 14 पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 39 हजार पांच सौ 82 मजदूर निबंधित हैं. साल 2023-2024 के दिसंबर माह के एक पखवारा के भीतर महज 55 परिवारों को साल में एक सौ दिन का रोजगार मिल पाया है. पिछले दो माह के भीतर 6 हजार सात सौ 85 मजदूरों ने मनरेगा के तहत डिमांड देते हुए रोजगार की मांग किया है, जबकि चार हजार 77 को काम मिल चुका हैं कुछ मजदूर पिछले एक सप्ताह से काम कर रहें हैं, लेकिन मास्टर रोल में हाजिरी बनने के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण मजदूरों को उपलब्ध रोजगार की जानकारी नहीं मिल पायी है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जहां 39 हजार पांच सौ 82 मजदूर निबंधित हो वहां लगभग दस माह के भीतर महज 55 जॉब कार्ड धारकों को साल मे 100 दिन का रोजगार मिल पाता है. इसे अधिकारियों की कमी कहें या फिर मनरेगा के फ्लाप होने की गारंटी.

पंचायत सचिव के 14 पद मे कार्यरत हैं 9, एक प्रतिनियुक्त परप्रखंड में मनरेगा के सफल संचालन के लिए 14 पंचायतों में 14 पंचायत सचिव का पद सृजित किया गया है, जबकि महज नौ कार्यरत हैं, इसमें भी एक पंचायत सचिव प्रतिनियुक्त पर हैं. प्रखंड में कार्यरत पंचायत सचिवों में शंकर उरांव,अवध किशोर ओझा,खैरूल खान, जीत वाहन उरांव,प्रमेश्वर उरांव,अनिता कुजुर,सीमा टोप्पो,मेरी तिग्गा तथा राजू कुमार सिंह कार्यरत हैं. इसमें राजू कुमार सिंह पंचायती राज विभाग निदेशालय रांची में प्रतिनियुक्ति पर हैं. आठ पंचायत सचिव के सहारे 14 पंचायतों में मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं के संचालन तथा मजदूरोंं को रोजगार देने का दायित्व हैं.14 पंचायतों में कार्यरत रोजगार सेवकों में श्रीवास्तव भगत, आदर्श कुमार,अब्दुल्ला अंसारी, सुदर्शन भगत,रजनी लकड़ा, लक्ष्मण उरांव,रजनी मिंज,संदीप यादव,सुकरा धान,दिनोज राम,ममता देवी, मुकेश कुमार,नूतन टोप्पो तथा मो०शमसुल कार्यरत हैं. बीपीओ के दो पद में एक पद रिक्त पड़ा है. एक बीपीओ अरविंद रोशन कार्यरत हैं जबकि सहायक अभियंता के दो पद में एक खाली है तथा एक पद पर विशाल मिंज कार्यरत हैं. कनीय अभियंता के चार में दो पद खाली हैं. दो अजय कच्छप तथा मो० आसिफ कार्यरत हैं.एक कंप्यूटर आपरेटर मुकेश यादव तथा लेखा सहायक सुमति कुमारी कार्यरत हैं, जबकि दो कंप्यूटर आपरेटर मो० नसीम तथा इम्तियाज आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत हैं.

कर्मियों की कमी से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया : बीडीओबीडीओ प्रवेश कुमार साव ने बताया कि मनरेगा के तहत संचालित विकास योजनाओं की निगरानी के लिए पंचायत सचिव को प्रभार दिया गया है, जबकि कर्मियों की कमी से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है.

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