लोहरदगा : आकांक्षी प्रखंड घोषित होने के बाद भी लोहरदगा के किस्को प्रखंड में पेयजल संकट बरकरार है. जलमीनार से लोगों को पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है. गर्मी आते ही नदी-तालाब सूखने लगे हैं. लोग अभी से ही गंभीर पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं. लोगों की पानी की परेशानी दूर करने को लेकर पंचायत प्रशासन और पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल द्वारा किये जा रहे उपाय धरातल पर फेल नजर आते हैं.
आकांक्षी प्रखंड चयनित होने के बाद भी पेयजल व्यवस्था के मामले में कुछ हासिल नहीं हो पाया है. प्रखंड में केंद्र सरकार द्वारा संचालित जल नल योजना पूरी तरह फेल नजर आ रही है. वहीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एवं पंचायत द्वारा पूर्व में लगाये गये जलमीनार गर्मी से पूर्व ही पानी मांग रहे हैं. परहेपाठ पंचायत के किस्को में बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट दो वर्षों से खराब है. इस पंचायत में 14वें वित्त की राशि से बने अधिकांश जलमीनार खराब है.
ग्रामीण पीएचइडी, मुखिया, पंचायत सेवक से गुहार लगाकर थक चुके हैं. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हैं. गर्मी के दस्तक देने से पूर्व ही प्रखंड क्षेत्र के नदी-तालाब व डैम की हालत खराब है. सालों भर लबालब रहने वाले तालाब व नदी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. नदियों व अन्य जलाशयों का जल स्तर कम होने से लोगों को पेयजल के साथ-साथ खेती-बाड़ी की समस्या का डर सताने लगा है.
किसानों को अभी से ही गर्मी में अपनी फसलों को बचाने की चिता सताने लगी है. किसान सज्जाद अंसारी, बंसी उरांव, बबलू महतो व अन्य ने कहा कि इस वर्ष जलस्तर काफी नीचे चला गया है. मार्च में नदी-तालाबों की स्थिति ऐसी है, तो अप्रैल-मई में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना होगा. किस्को, जोरी व अन्य स्थानों पर फिलहाल 25 प्रतिशत भी पानी नहीं है.