बड़े पशुओं में लंफी स्किन डिजीज जैसे लक्षण पाये जाने की सूचना राज्य के कई जिलों से आने लगी है. इसे लेकर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) के निदेशक ने सभी जिलों के पशुपालन पदाधिकारियों को पत्र भेजा है. पदाधिकारियों को इस बीमारी का लक्षण पाये जानेवाले पशुओं की स्किन, स्लाइवा, नोजल स्वाॅब, इटीडीए ब्लड आैर सीरम सैंपल लेने को कहा गया है.
इनकी जांच के बाद ही सही बीमारी का पता लग पायेगा. निदेशक डॉ बिपिन महथा ने लिखा है कि राज्य के कई जिलों से एलएसडी (लंपी स्किन डिजीज) होने की सूचना प्राप्त हो रही है. इससे जानवर के शरीर में कई तरह के दाग हो जाते हैं. जानवर को बुखार रहने लगता है. कुछ जानवरों को बुखार नहीं भी रहता है.
लेकिन, बीमारी के कारण जानवर के दूध देने की क्षमता घट जाती है. वहीं, शरीर की फुंसी घाव में बदल जाती है. इसकी शीघ्र रोकथाम जरूरी है.
सबसे पहले डकरा में पाया गया था मामला : इस साल यह मामला सबसे पहले डकरा में पाया गया था. वहां एक गांव में कई जानवरों में इस बीमारी के लक्षण मिले थे. इसकी सूचना ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग को दी थी.
वहां के चिकित्सकों ने बताया था कि पिछले साल भी इसी तरह की बीमारी आयी थी. यह एक जानवर से दूसरे जानवरों में फैलती है. इससे जानवरों को नुकसान की संभावना बनी रहती है.
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