अब तक हमने जाना कि भारतीय मसाले यहां के खान-पान की आत्मा हैं. इसके बिना भारतीय व्यंजन के स्वाद व सुगंध की कल्पना ही नहीं की जा सकती. इसके पीछे प्राचीन इतिहास और बेहद समृद्ध परंपरा रही है. शायद यही वजह है कि आज दुनियाभर में भारतीय मसालों की भारी मांग है. स्वाद के साथ-साथ औषधीय गुणों के कारण भारतीय मसालों की विशिष्ट उपयोगिता रही है. यही वजह है कि कोरोना महामारी के दौरान भारतीय मसालों की मांग करीब 34% तक बढ़ गयी है. काढ़े या हर्बल टी के रूप में दालचीनी, हल्दी, सौंफ, इलायची, काली मिर्च आदि का इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अत्यंत ही उपयोगी साबित हुआ है.
इन शुद्ध मसालों की विरासत और उनके लाभों को संरक्षित करने का काम आईटीसी सनराइज करता है, जो हमेशा बेहतरीन मसालों का चुनाव करता है, ताकि लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहें. यह सही है कि गुणवत्ता और निरंतरता के कारण लोग अब ब्रांडेड मसालों का रुख कर रहे हैं और आईटीसी सनराइज बदलाव के इस दौर में सबसे आगे है. इसकी सबसे बड़ी वजह है मसालों के क्षेत्र में पिछले 100 का अनुभव. जैसा कि हम जानते हैं खान-पान के मामले में पश्चित बंगाल की संस्कृति बेहद समृद्ध रही है और इसी बंग भूमि पर 1910 के दशक की शुरुआत में कोलकाता में एक छोटी-सी दुकान से शुरू हुआ मसालों का यह सफर अपनी गुणवत्ता एवं लाजवाब स्वाद के दम पर आज देश का अग्रणी ब्रांड बन चुका है. आज इसी समृद्ध धरोहर को झारखंड की धरती तक लाने में आईटीसी सनराइज बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
आईटीसी सनराइज अपने कुछ सबसे बेहतरीन उत्पादों को अब झारखंड लेकर आ रहा है. आपकी कुकिंग को आसान और मजेदार बनाने के लिए सनराइज मसाले ने 25 से भी ज्यादा ब्लेंडेड मसालों की लंबी रेंज उतारी है, जैसे- शाही गरम मसाला, आलू दम, चना मसाला, दाल तड़का मसाला, सब्जी मसाला, पाव भाजी मसाला आदि. इनकी मदद से आप चुटकियों में एक से बढ़ कर एक स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकते हैं. इसमें आपको अलग से किसी अन्य मसाले को मिलाने की जरूरत नहीं और ना ही कुछ पीसने की जरूरत है. यकीन मानिए, उन्नत तकनीक से बना शुद्ध मसालों का लाजवाब स्वाद और इसमें छिपी इसकी प्राकृतिक खुशबू आपको दीवाना बना देगी.
हमने देखा कि इस कोरोनाकाल ने लोगों की खुशियों पर किस तरह ब्रेक ही लगा दिया है. अपने घरों में कैद लोग इस खुशी को अपने किचन में तलाश रहे हैं. ऐसे में घर-घर में यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि पहले जहां लोग सामान्यत: वीकेंड पर रेस्टोरेंट में जाकर कुछ पसंदीदा खाया करते थे, वहीं अब रूटीन डेज में भी इसे ट्राई कर रहे हैं. श्रीमती जी के साथ पतिदेव भी नये-नये व्यंजन बनाने मदद कर रहे हैं. यहां तक कि कई लोग अपने कुकिंग के पुराने हुनर को ताजा कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर शेयर कर वाहवाही बटोर रहे हैं. उनकी कुकिंग को और आसान और मजेदार बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है सनराइज मसाले. इसका वादा है- ”लगे कम, ज्यादा दम”. यानी अब रोज के खाने में जरा-सा सनराइज मसाले का इस्तेमाल कीजिए और घर पर वही रेस्टोरेंट वाला स्वाद पाइए. इससे गृहिणियों के समय की बचत होगी और वे फैमिली के साथ ज्यादा वक्त भी बिता पायेंगी.
आईटीसी सनराइज यह सुनिश्चित करता है कि गुणवत्ता के मामले में बगैर किसी समझौता के सर्वोत्तम मसाले ही आपकी रसोई तक पहुंचे. इसके माध्यम से आप न केवल बेहतरीन स्वाद का लुत्फ उठाते हैं, बल्कि हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक और पाक कला के इतिहास का हिस्सा भी बनते हैं. आईटीसी सनराइज लोगों को मसाले की उसी समृद्ध परंपरा के साथ फिर से जुड़ने का एक अवसर दे रहा है और इसलिए यह इस गर्व के साथ खड़ा है- ”एक परंपरा, जो चले जमाने के साथ”.