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Naxalite area in jharkhand : नक्सल व उग्रवाद प्रभावित इलाके में घटनाओं में नहीं आयी कमी

झारखंड में नक्सली घटनाओं में कमी नहीं

रांची : राज्य के प्रभारी डीजीपी सोमवार को सभी जिलों के एसपी के साथ विधि व्यवस्था पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने वाले हैं. इसमें नक्सल और उग्रवाद प्रभावित इलाके में वर्तमान स्थिति, उग्रवादियों व नक्सलियों के खिलाफ हासिल उपलब्धि की भी समीक्षा होगी. मीटिंग का यह एक प्रमुख एजेंडा भी है, जिसे प्रभारी डीजीपी ने खुद तैयार किया है.

लेकिन मीटिंग के पहले राज्य में नक्सली और उग्रवादी घटनाओं के संबंध में जानकारी हासिल करने पर यह तथ्य सामने आया है कि 2019 की अपेक्षा अगस्त 2020 तक उग्रवाद व नक्सल प्रभावित इलाके में घटनाओं में कोई कमी नहीं आयी है. इसकी पुष्टि दोनों आंकड़ों से भी होती है. अगस्त 2019 तक 85 नक्सल और उग्रवादी घटनाएं हुई थीं, जबकि अगस्त 2020 तक 86 घटनाएं हुई.

इसी तरह अगस्त 2019 तक नक्सल और उग्रवादी घटना में 20 आम लोग मारे गये थे, जबकि अगस्त 2020 तक 19 आम लोग मारे गये. जबकि जुलाई 2020 तक 18 सामान्य लोगों की हत्या हुई थी. जबकि जुलाई 2019 में सिर्फ आंकड़ा नौ था. सबसे चौंकाने वाली बात यह है अगस्त 2020 तक नक्सल और उग्रवादी घटनाएं तब हुई, जब पुलिस ने सबसे अधिक अभियान और एलआरपी चलाया. आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2018 तक 1637, जुलाई 2019 तक 2015 और जुलाई 2020 तक 2995 स्पेशल अभियान चलाए गये.

जुलाई 2020 तक नक्सली और उग्रवादियों के खिलाफ 1411 एलआरपी किए गये. जबकि यह आंकड़ा इस अवधि में 2019 में 1043 और 2018 में 958 रहा था. वहीं दूसरी ओर 2018 में 29, 2019 में 30 और 2020 में 40 इंटर स्टेट ऑपरेशन भी नक्सलियों के खिलाफ चलाए गये.

इसी तरह इस अवधि में 2018 में 39, 2019 में 24 और 2020 में 25 एनकाउंटर हुये. लेकिन 2018 में एनकाउंटर में 24 नक्सली व 2019 में 22 नक्सली और 2020 में 25 एनकाउंटर में नौ नक्सली ही मारे गये. आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2019 की अपेक्षा 2020 में ज्यादा एनकाउंटर हुए, लेकिन नक्सलियों को मारने में पुलिस को सफलता कम मिली. इसी तरह जुलाई तक 2018 में 279 उग्रवादियों और नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया.

जबकि 2019 में 199 और जुलाई 2020 तक 212़ इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में इस साल गिरफ्तारी में अधिक सफलता मिली, लेकिन 2018 की अपेक्षा कम. इसी तरह जुलाई और अगस्त तक पिछले दो वर्षों की तुलना में नक्सली और उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस ने काफी काम किया, लेकिन राज्य में न तो उग्रवादी और नक्सली घटना में कमी आयी और न ही पुलिस को बहुत अधिक सफलता ही मिली.

posted by : sameer oraon

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