मुफ्त में अनाज दे सरकार

छह सूत्री मांगों को लेकर पहाड़िया समुदाय ने किया मुख्य मार्ग जाम पाकुड़ : छह सूत्री मांगों को लेकर अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन महाधरना के तीसरे दिन बुधवार को सैकड़ों पहाड़िया ग्रामीणों ने पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया. सड़क जाम का नेतृत्व समिति के केंद्रीय महासचिव शिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2014 7:20 AM

छह सूत्री मांगों को लेकर पहाड़िया समुदाय ने किया मुख्य मार्ग जाम

पाकुड़ : छह सूत्री मांगों को लेकर अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन महाधरना के तीसरे दिन बुधवार को सैकड़ों पहाड़िया ग्रामीणों ने पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया. सड़क जाम का नेतृत्व समिति के केंद्रीय महासचिव शिव चरण मालतो, जिला अध्यक्ष अनिल पहाड़िया ने की.

बुधवार को समिति से जुड़े पहाड़िया ग्रामीणों ने समाहरणालय के निकट धरना दिया और अपराह्न् 12 बजे पाकुड़ दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया. सड़क जाम कर रहे समिति के प्रतिनिधि आदिम जनजातियों की सीधी नियुक्ति करनी होगी, सभी पहाड़िया परिवारों को मुफ्त अनाज देना होगा, पहाड़िया बटालियन का गठन करना होगा, राजमहल की पहाड़ों का अवैध उत्खनन एवं वनों की कटाई बंद करो, झारखंड आदिम जनजाति प्राधिकरण का गठन करों आदि नारे लगा रहे थे.

सड़क जाम को सफल बनाने में जयप्रकाश पहाड़िया, नरेश कुमार पहाड़िया, जीतू पहाड़िया, सीलास पहाड़िया, अजरुन पहाड़िया, कालू पहाड़िया, रेखा देवी, कमली पहाड़िन, बमना पहाड़िया, यशोदा पहाड़िया, बबलू मालतो, सूरज मालतो, रंजन पहाड़िया, गणोश पहाड़िया आदि सक्रिय दिखे. धरना के तीसरे दिन बोना पहाड़िया, देवा पहाड़िया, गब्रियल पहाड़िया, सुनील पहाड़िया, पोलूस पहाड़िया, प्रेमप्रकाश देहरी द्वारा अनशन भी किया गया.

सड़क जाम की सूचना मिलते ही डीडीसी संजीव शरण, एसडीओ विद्यानंद शर्मा पंकज, एसडीपीओ चंदन झा, सदर बीडीओ संजीव कुमार, नगर थाना प्रभारी उज्ज्वल कुमार साह सदलबल पहुंचे और आंदोलनकारियों के साथ बातचीत की. डीडीसी श्री शरण ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया एवं अनशनकारियों को जूस पिलाकर महाधरना एवं सड़क जाम हटाया. सड़क एवं महाधरना को संबोधित करते हुए समिति के केंद्रीय महासचिव श्री मालतो ने कहा कि पहाड़िया ग्रामीणों के साथ भेदभाव की नीति अपनायी जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों को आश्वासन के बाद भी पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किये जायेंगे.

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