टिकट के घमसान में होली ने लाया ट्विस्ट

पाकुड़ : चुनावी सरगर्मी तेज हो चली है. राजनीतिक दलों में टिकट के लिए घमासान जारी है. इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच होली के त्योहार ने ट्विस्ट ला दिया है. दलों के रणनीतिकार के साथ-साथ संभावित दावेदार रांची से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगाने के बाद पर्व की खुशियां आम लोगों के बीच शेयर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2019 6:48 AM

पाकुड़ : चुनावी सरगर्मी तेज हो चली है. राजनीतिक दलों में टिकट के लिए घमासान जारी है. इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच होली के त्योहार ने ट्विस्ट ला दिया है. दलों के रणनीतिकार के साथ-साथ संभावित दावेदार रांची से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगाने के बाद पर्व की खुशियां आम लोगों के बीच शेयर करने के लिए क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं.

सांसद विजय हांसदा भी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बुधवार को क्षेत्र में लौट रहे हैं. होली के उमंग और उल्लास को जनता के बीच रहकर बाटेंगे. विदित हो कि झामुमो नेतृत्व कांग्रेस और जेवीएम के साथ गठबंधन पर अपनी सहमति दे चुका है. इस सिलसिले में दिल्ली से लेकर रांची तक मैराथन वार्ता का दौर चली. चूंकि राजमहल लोकसभा क्षेत्र पर फिलवक्त झामुमो का कब्जा है इसलिए इस सीट पर झामुमो दावेदारी कर रहा है.

यहां से वर्तमान में झामुमो के टिकट से चुनाव जीतकर विजय हांसदा संसदीय क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं. वह भी अपने टिकट को फाइनल कराने के लिए दिल्ली और रांची तक दौड़ लगाकर वापस जनता के बीच पहुंच रहे हैं. वे भी क्षेत्र में रहकर होली के रंगों में लोगों के साथ खुशियों को सराबोर करेंगे. इधर भाजपा में अपने टिकट की दावेदारी को लेकर कई संभावित प्रत्याशी दिल्ली से लेकर रांची तक लामबंदी कर अपने आकाओं से मिल चुके हैं.

भाजपा से पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू, पूर्व मंत्री देवीधन बेसरा, जिला परिषद की साहिबगंज अध्यक्ष रेणुका मुर्मू, जिला परिषद के पाकुड़ जिला अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. इस सिलसिले में भाजपा के सभी दावेदार विगत कई दिनों से क्षेत्र से बाहर रांची और दिल्ली में पार्टी के क्षत्रपों के समक्ष टिकट की दावेदारी कर होली का त्योहार मनाने अपने अपने पैतृक गांव पहुंच गये हैं.

टिकट के लिए जारी उठापटक के बीच होली राजनीति पर हावी हो गया है और सभी दावेदार अपनी राजनीतिक लामबंदी करके होली का लुत्फ उठाने को तैयार हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि होली ने राजनीतिक सरगर्मी पर अचानक ब्रेक लगाकर दावेदारी में ट्विस्ट ला दिया है. अब होली के बाद ही विभिन्न दलों के दावेदार फिर से अपने अपने आकाओं से संपर्क साधेंगे और अपने-अपने दावों पर राजनीति का रंग चढ़ाएंगे.

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