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NITI आयोग के आकांक्षी जिलों में झारखंड की रैंकिंग सुधरी, पाकुड़ जिला तीसरे नंबर पर

रांची : अपने नागरिकों का जीवन आसान बनाने वाले देश के 100 आकांक्षी जिलों में झारखंड का पाकुड़ तीसरे स्थान पर रहा. पहले स्थान पर छत्तीसगढ़ का कोंडागांव, तो दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का फतेहपुर जिला रहा. नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में विकास कार्यों के विभिन्न मानकों के आधार पर जारी डेल्टा रैंकिंग […]

रांची : अपने नागरिकों का जीवन आसान बनाने वाले देश के 100 आकांक्षी जिलों में झारखंड का पाकुड़ तीसरे स्थान पर रहा. पहले स्थान पर छत्तीसगढ़ का कोंडागांव, तो दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश का फतेहपुर जिला रहा. नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में विकास कार्यों के विभिन्न मानकों के आधार पर जारी डेल्टा रैंकिंग में यह जानकारी दी गयी है. मई, 2019 की डेल्टा रैंकिंग बुधवार को जारी हुई. इस उपलब्धि के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पाकुड़ जिला प्रशासन और जनता को बधाई दी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में झारखंड लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है. हम न्यू झारखंड के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं. नीति आयोग आकांक्षी जिलों में विकास कार्यों के विभिन्न मानकों (स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और आधारभूत संरचनाओं का विकास जैसे सड़कों का निर्माण, पेयजल की व्यवस्था, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति और हर घर में शौचालय का निर्माण) के आधार पर प्रत्येक माह पूरे देश की डेल्टा रैंकिंग जारी करता है. मई, 2019 की डेल्टा रैंकिंग बुधवार को जारी हुई, जिसमें झारखंड का पाकुड़ जिला पूरे देश में तीसरे स्थान पर है. पहली डेल्टा रैंकिंग सरकार ने जून, 2018 में जारी की थी.

नीति आयोग द्वारा चयनित 100 जिलों में से पांच जिलों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जिसमें पाकुड़ तीसरे स्थान पर है. नीति आयोग ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है. इस जिला ने लोगों के जीवन-स्तर के साथ-साथ बस्तियों में भी कई सुधार कार्य किये हैं, जिसका लाभ समाज को मिला है.

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सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले पांच जिलों में उत्तर प्रदेश के दो जिले हैं. फतेहपुर दूसरे नंबर पर है, जबकि इसी राज्य का चित्रकूट जिला पांचवें नंबर पर है. राजस्थान का धौलपुर चौथे स्थान पर रहा. मिजोरम के मामित, आंध्रप्रदेश के वाइएसआर, तेलंगाना के आसिफाबाद (आदिलाबाद), केरल के वायनाड और त्रिपुरा के धालाई जिले डेल्टा रैंकिंग में सबसे नीचे रहे. जून और जुलाई की डेल्टा रैंकिंग आनी अभी बाकी है.

क्या है आकांक्षी जिला कार्यक्रम?

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के तहत वर्ष 2018 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसका उद्देश्य देश के सबसे पिछड़े जिलों में तेजी से विकास करना और लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना था. वर्ष 2018 में 28 राज्यों के ऐसे 115 जिलों का चयन किया गया. कुछ जिलों में विकास कार्यों को गति देने की जिम्मेवारी मंत्रालयों को भी सौंपी गयी. गृह मंत्रालय की सलाह पर नक्सलवाद और उग्रवाद प्रभावित 35 जिलों में विकास कार्यों की जिम्मेदारी सरकार ले रही है.

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