अमड़ापाड़ा माइंस एक से डेढ़ माह में हो जायेगा शुरू, 25 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार : रघुवर दास

पाकुड़ : पाकुड़ के अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा में मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अमड़ापाड़ा माइंस को एक से डेढ़ माह में खोल दिया जायेगा. इसे खोलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इस माइंस के खुलने से लगभग 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2019 7:55 PM

पाकुड़ : पाकुड़ के अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा में मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अमड़ापाड़ा माइंस को एक से डेढ़ माह में खोल दिया जायेगा. इसे खोलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इस माइंस के खुलने से लगभग 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा.

उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. आपने 2014 में हमारी सरकार बनायी. सरकार के पांच साल हो चुके हैं. इन सालों में सरकार ने जो काम किये हैं, उसकी रिपोर्ट कार्ड देने आया हूं. पांच सालों में डबल इंजन की सरकार ने राज्य को खुशहाल व समृद्ध बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाये हैं. कुछ काम अधूरे हैं. कुछ चुनौतियों व समस्याओं का समाधान करना है. आप हमारे ऊपर विश्वास करें. हमें फिर से समर्थन दें. हम स्वाभिमानी झारखंड बनायेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल को विकास से दूर कर उन्हें गुमराह करने वालों ने आदिवासी जमीन गलत ढंग से खरीदी है. संथालवासियों के बीच यह दुष्प्रचार किया गया कि वर्तमान सरकार आपकी जमीन छीन लेगी. लेकिन सरकार के शासनकाल का पांचवा साल है. क्या किसी की जमीन छीनी गयी. नहीं, यह सिर्फ दुष्प्रचार है.

उन्‍होंने कहा कि यह दुष्‍प्रचार इसलिए किया जा रहा है ताकि संथालवासियों को विकास से अछूता रखा जा सके. ऐसे लोगों की पहचान करें. इस प्रकार का दुष्प्रचार प्रचार करने वालों ने ही संथालपरगना के पाकुड़, पाकुडिया व धनबाद, रांची समेत अन्य जगहों पर सीएनटी/एसपीटी एक्ट जो आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित करती है का उल्लंघन करोड़ों की जमीन अपने नाम कर ली.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 के बाद 2,251 आदिम जनजातीय टोलों में पेयजल पहुंचाने का कार्य शुरू हुआ है. 162 टोलों में कार्य पूर्ण हो गया. पहाड़िया बटालियन का गठन किया गया, ताकि पहाड़िया युवाओं को भी प्रशासन में भागीदारी दी जा सके. पहाड़ियां समुदाय के लोगों के घरों तक डाकिया योजना के तहत राशन पहुंचाया जा रहा है.

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