29 सालों में नहीं पहुंचा पानी

पाकुड़िया : अलग राज्य बनने के 14 साल बाद भी प्रखंड के बेनाकुड़ा, सिंहपुर, घुरनी, गणपुरा, झुनकी आदि गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधाएं नहीं दी जा सकी. ऐसा इसलिए कि अलग राज्य बनने के बाद स्थायी सरकार नहीं बन पायी और न ही सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना को चालू करने में कोई दिलचस्पी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 9:46 AM
पाकुड़िया : अलग राज्य बनने के 14 साल बाद भी प्रखंड के बेनाकुड़ा, सिंहपुर, घुरनी, गणपुरा, झुनकी आदि गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधाएं नहीं दी जा सकी. ऐसा इसलिए कि अलग राज्य बनने के बाद स्थायी सरकार नहीं बन पायी और न ही सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना को चालू करने में कोई दिलचस्पी दिखायी.
वर्ष 1985 में तत्कालीन बिहार सरकार के कार्यकाल में प्रखंड के बड़ासिंहपुर गांव स्थित ब्राह्मणी नदी के किनारे एक करोड़ 50 लाख की राशि से पाइप लाइन जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखी गयी. उक्त योजना के तहत बड़ासिंहपुर सहित आधा दर्जन गांवों के पांच हजार बीघा कृषि योग्य जमीन पर सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए योजना की शुरुआत भी की गयी. बड़ासिंहपुर, बेनाकुडा, घुरनी, गणपुरा, झुनकी आदि गांवों के किसानों के खेतों में पाइप लाइन बिछाया गया.
कंट्रोल पंप अधिष्ठापित किये गये और जनरेटर की भी व्यवस्था की गयी परंतु खेतों तक पानी 29 साल बीतने के बाद भी नहीं पहुंच पाया. संताल के तीन कृषि मंत्रियों यथा देवीधन बेसरा, नलीन सोरेन एवं बाटूल झा द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी. अलवत्ता उक्त महत्वपूर्ण योजना जस की तस पड़ी रह गयी. विभाग द्वारा वर्षो पूर्व पंप हाउस भी बनाया गया जो आज भी किसानों को मुंह चिढ़ा रहा है. इस बार राज्य में स्थायी सरकार बनी है और प्रखंड के किसानों में यह आशा जगी है कि राज्य के रहनुमाओं की नजर इस अधूरे पड़े योजना पर पड़ेगी और उनके खेत लहलहायेंगे.

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