देवघर : रेजाउल की गिरफ्तारी व समय-समय पर आतंकियों के छिपने की खबर संताल के इलाकों से आती रहती है. संताल परगना के पाकुड़, राजमहल, साहिबगंज, जामताड़ा का इलाका इनके लिए बेहद सेफ जोन माना जाता है.
आतंकी उन्हीं इलाकों को अपना ठिकाना बना रहे हैं जो पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. सीमावर्ती इलाकों में छिपने की जगह इन्हें आसानी से मिल जा रही है. यह पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण विषय है. पाकुड़ का इलाका पश्चिम बंगाल व बंगलादेश से सटा होने के कारण यह आतंकियों का इंट्री प्वाइंट बनता जा रहा है. इधर अथक प्रयास के बाद रेजाउल की गिरफ्तारी की खबर सुर्खियों में है.
एनआइए टीम यह उपलब्धि हासिल करने के बाद अगले मिशन पर है. पाकुड़ के इलाकों में कुछ लोगों की खोजबीन की जा रही है. पिछले दिनों भी पाकुड़ विभिन्न मुहल्लों में एनआइए की टीम पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में ले चुकी है. हालांकि कोई विशेष बात अब तक सामने नहीं आ पायी है. लेकिन यह कयास लगाया जाना गलत नहीं होगा कि वर्धमान ब्लास्ट से जुड़े आतंकी या तो यहां छिपे हुए हैं या उन्हें मदद करने वाले लोग यहां मौजूद हैं.
जामताड़ा व राजमहल में आतंकवादी लेते हैं पनाह
जमशेदपुर व हजारीबाग की तरह ही संताल परगना के साहिबगंज व जामताड़ा जिला में आतंकी आते-जाते रहते हैं. इन दोनों जिलों को सुरक्षित ठिकाना मान कर ठहरते भी हैं. 18 मई 2007 को मक्का में आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था.
इस घटना की जांच के दौरान पता चला था कि घटना में शामिल आतंकवादी जामताड़ा में देखे गये थे. इस मामले में गिरफ्तार आतंकी के बयान के आधार पर पुलिस ने घटना के दो संदिग्ध की स्कैच जारी की थी. जांच में यह साफ हुआ था कि आतंकियों ने जामताड़ा के पते पर पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले से सिमकार्ड खरीदा था. इसी तरह अक्तूबर 2007 में राजस्थान के अजमेर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के तार भी जामताड़ा से ही जुड़े थे.
राजस्थान पुलिस की सूचना पर सीआइडी ने जामताड़ा में छापामारी कर एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था. जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, वह राजस्थान में एक मदरसे में रहता था. मदरसे में ही रह कर बच्चों को पढ़ाने का काम करता था. जांच में घटना में उसकी संलिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.
दूसरे देश से आते हैं अवैध रूप से लेते हैं नागरिकता
देवघर : राजमहल व पाकुड़ का इलाका आतंकियों के ठिकाना बनने के मामले में काफी संदिग्ध है. यहां राजमहल में आसानी से लोग दूसरे देशों से आते हैं और नागरिकता लेकर बस जाते हैं. इन्हीं के संपर्क से अपराधी अपनी पनाह भी लेते हैं. ऐसे मामले कई बार सामने आ चुके हैं. कई मुखिया भी इस मामले में संदिग्ध घोषित हो चुके हैं. सरकार ने भी इस मामले में पहल की. लेकिन सब ठंडे बस्ते में चला गया.
कब-कब हुई छापेमारी
पाकुड़ . नवंबर माह में एनआइए की टीम ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संग्रामपुर एवं बेलडांगा में छापेमारी की थी. 11 व 12 नवंबर को मो सलाउद्दीन व जहांगीर को हिरासत में लिया था. पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ भी दिया था. इसी माह में एनआइए द्वारा संग्रामपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में छापेमारी कर सलाउद्दीन व जहांगीर के बैंक एकाउंट भी खंगाले गये थे.