धूप में पढ़ने को विवश हैं बच्चे

हाल तिलभिटा के संग्रामपुर मदरसा कापाकुड़ : संताल परगना में शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार लाखों रुपया खर्च कर रही, लेकिन इसका लाभ तिलभिटा के संग्रामपुर गांव के मदरसा में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के नहीं मिल रहा है. विभागीय लापरवाही व अनदेखी के कारण संग्रामपुर मदरसा कमरूल होदा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

हाल तिलभिटा के संग्रामपुर मदरसा का
पाकुड़ : संताल परगना में शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार लाखों रुपया खर्च कर रही, लेकिन इसका लाभ तिलभिटा के संग्रामपुर गांव के मदरसा में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के नहीं मिल रहा है.

विभागीय लापरवाही व अनदेखी के कारण संग्रामपुर मदरसा कमरूल होदा के बच्चे तेज गरमी भी आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं. गरमी से निबटने के लिए एकमात्र सहारा एक पेड़ है, यहां भी धूप तेज होने पर बैठना मुश्किल हो जाता है. समस्या यही खत्म नहीं होती, यहां न तो शौचालय है और न पानी के लिए चापानल.

विद्यालय में 586 छात्र-छात्रा नामांकित है और इनमें से 350-400 तक बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आते हैं. शिक्षा विभाग द्वारा मदरसा के 321 छात्राओं के बीच हाल में ही पोशाक का भी वितरण किया गया है, लेकिन इन बच्चों को आज तक एक भवन नसीब नहीं हो हुआ है. शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को खुले में शौच जाना पड़ता है.
– मकसूद आलम –

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