समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन
कोयला खदान चालू करने की मांग पर सड़क पर उतरे कर्मी व अधिकारी पाकुड़ : बीते पांच दिनों से बंद पचुवाड़ा सेंट्रल एवं नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयला खदान को चालू करने की मांग को लेकर समाहरणालय के समक्ष पैनम एवं बंगाल एम्टा के कर्मी, अधिकारी सहित मजदूरों एवं ट्रांसपोर्टरों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर […]
कोयला खदान चालू करने की मांग पर सड़क पर उतरे कर्मी व अधिकारी
पाकुड़ : बीते पांच दिनों से बंद पचुवाड़ा सेंट्रल एवं नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयला खदान को चालू करने की मांग को लेकर समाहरणालय के समक्ष पैनम एवं बंगाल एम्टा के कर्मी, अधिकारी सहित मजदूरों एवं ट्रांसपोर्टरों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कोयला खदान से जुड़े कर्मी एवं अधिकारियों ने पाकुड़- दुमका मुख्य सड़क को घंटों जाम भी कर दिया. प्रदर्शन एवं सड़क जाम के बाद पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने डीसी के नाम प्रेषित मांग पत्र डीडीसी को सौंपा.
कोयला मंत्री मुर्दाबाद के लगे नारे : प्रदर्शन कर रहे कोयला खदान से जुड़े मजदूर, अधिकारी व कर्मी, पचुवाड़ा सेंट्रल व नॉर्थ कोल ब्लॉक को चालू करों, कोयला मंत्री मुर्दाबाद, कर्मियों की छंटनी की नीति बंद करों आदि नारे लगा रहे थे. प्रदर्शन का नेतृत्व जेम्स मुमरू, गौतम सामंतो, चैतन्य उपाध्याय, प्राण प्रिय भट्टाचार्य, मंटू भगत, तारकेश्वर, जेपी राय आदि कर रहे थे. आयोजित प्रदर्शन में ट्रांसपोर्टरों, निजी सुरक्षा गार्डो ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
उल्लेखनीय है कि बीते 30 मार्च को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन एवं पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा पचुवाड़ा सेंट्रल एवं नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयला उत्खनन का कार्य बंद कर दिया था. कोयला उत्खनन कार्य बंद होने के कारण इससे जुड़े मजदूर के अलावा कोयला कंपनी के कर्मी अधिकारी एवं ट्रांसपोर्टर सहित निजी सुरक्षा गार्डो का कामकाज भी पूरी तरह बंद हो गया और इनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या सहित आगे रोजगार की गारंटी का भी सवाल उत्पन्न हो गया.
प्रदर्शन कर रहे कर्मिर्यो एवं मजदूरों को संबोधित करते हुए कोल कंपनी के चैतन्य उपाध्याय ने कहा कि कोयला खदान बंद होने के कारण हमारे अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर एकजुटता के साथ संघर्ष को तेज करेंगे.