अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान लेते हैं अवतार

पाकुड़ : जब-जब धरती पर पाप व अत्याचार बढ़ता है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में धरती पर अवतार लेकर पापियों का नाश करते हैं. यह बातें शिव शीतला मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम चरित मानस कथा के पांचवें दिन शनिवार को मानस मंजरी लक्ष्मी रानी जी ने प्रवचन के दौरान कही. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 5:21 AM

पाकुड़ : जब-जब धरती पर पाप व अत्याचार बढ़ता है तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में धरती पर अवतार लेकर पापियों का नाश करते हैं.

यह बातें शिव शीतला मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम चरित मानस कथा के पांचवें दिन शनिवार को मानस मंजरी लक्ष्मी रानी जी ने प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को राम कथा का श्रवण कराया. कहा कि पृथ्वी पर जब रावण का अत्याचार बढ़ा तो उससे मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्रीराम के रूप में अवतरित होकर रावण का विनाश किया. उन्होंने कहा कि बेटी शब्द एक दूसरे के अधीन है.

जिसका उदाहरण यह है कि बेटी जन्म लेने के बाद मां-बाप के अधीन, शादी के बाद पति के अधीन व बुढ़ापे में अपने पुत्र के अधीन हो जाती है. इसलिए बेटी शब्द को एक-दूसरे के अधीन कहा जाता है. प्रवचन के दौरान बच्चों द्वारा राम जन्म की झांकी प्रस्तुत की गयी. मौके पर काफी संख्या में श्रोता मौजूद थे. मौके पर ओमप्रकाश भगत, शंकर मिश्रा सहित अन्य मौजूद थे.

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