सरकार की कथनी और करनी में फर्क : धीरेन

महेशपुर : झारखंड राज्य की माल (मल्ल क्षेत्रीय) जाति को अनुसूचित जाति एवं रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा, झारखंड जनजातीय कल्याण शोध संस्थान रांची से प्राप्त के आधार पर राज्य सरकार के मंत्रीपरिषद की बैठक में 4/12/2004 को किए जाने के बावजूद अबतक इस विषय पर केंद्र सरकार द्वारा सकारात्मक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 6:21 AM

महेशपुर : झारखंड राज्य की माल (मल्ल क्षेत्रीय) जाति को अनुसूचित जाति एवं रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा, झारखंड जनजातीय कल्याण शोध संस्थान रांची से प्राप्त के आधार पर राज्य सरकार के मंत्रीपरिषद की बैठक में 4/12/2004 को किए जाने के बावजूद अबतक इस विषय पर केंद्र सरकार द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने के बाबत, चौकीदार-दफादार पंचायत शाखा के पाकुड़ जिला अध्यक्ष धीरेन माल ने सरकार के कथनी और करनी में खोट का परिचायक बताया है. श्री माल ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति में शामिल करने या हटाने की पूरी शक्ति केंद्र सरकार को ही है.

ऐसी सूरत में झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के पत्रांक/जाति निधा0-19-02/03, श्री मुखत्यार सिंह – आयुक्त एवं सचिव द्वारा सचिव, समाज कल्याण एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को अनुशंसा भेजे जाने के बाद भी अभी तक इन जातियों को संविधान की पांचवी अनुसूची(अनुसूचित जाति )तथा संविधान की छठी अनुसूची (अनुसूचित जनजाति) में शामिल नहीं किया जाना गंभीर विषय है. श्री माल ने सरकार से इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सार्थक पहल करने की मांग की है.

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